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विराटा की पदमिनी : वृन्दावनलाल वर्मा द्वारा हिंदी पुस्तक | Virata ki Padmini : By Vrindavanlal Verma Hindi Book

विराटा की पदमिनी : वृन्दावनलाल वर्मा द्वारा हिंदी पुस्तक | Virata ki Padmini : By Vrindavanlal Verma Hindi Book
पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name विराटा की पदमिनी | Virata ki Padmini
Author
Category
Language
Pages 272
Quality Good
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विराटा की पदमिनी वृंदावनलाल वर्मा द्वारा लिखित एक ऐतिहासिक उपन्यास है। इस पुस्तक में भारतीय इतिहास की एक रोचक और महत्वपूर्ण घटना का वर्णन किया गया है। कहानी की पृष्ठभूमि प्राचीन भारत में सेट की गई है और इसमें वीरता, प्रेम, और बलिदान के तत्वों का समावेश है।

उपन्यास की मुख्य पात्र पद्मिनी है, जो अपनी साहस और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। कहानी में उसके जीवन के संघर्ष, उसकी वीरता, और उसकी व्यक्तिगत यात्रा को विस्तार से दर्शाया गया है। यह उपन्यास न केवल एक मनोरंजक कथा है, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास की समृद्ध धरोहर को भी उजागर करता है।

वृंदावनलाल वर्मा के लेखन की विशेषता उनकी भाषा की सजीवता और ऐतिहासिक घटनाओं का सजीव चित्रण है। उन्होंने पात्रों को इस तरह से प्रस्तुत किया है कि वे जीवंत प्रतीत होते हैं और पाठक उनकी यात्रा के साथ जुड़ जाते हैं

“पीड़ा अस्थाई होती है। लेकिन हिम्मत हार जाना स्थाई होता है।” ‐ लैंस आर्मस्ट्रान्ग
“Pain is temporary. Quitting lasts forever.” ‐ Lance Armstrong

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