गूढ़ार्थ भजन मंजरी / Gudarth Bhajan Manjari
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | गूढ़ार्थ भजन मंजरी / Gudarth Bhajan Manjari |
Author | Swami Ramprakashacharya |
Category | साहित्य / Literature, साहित्य / Literature, Kavitavali, Kavya, Poem |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 60 |
Quality | Good |
Size | 18.5 MB |
Download Status | Available |
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गूढ़ार्थ भजन मंजरी पीडीऍफ़ पुस्तक का संछिप्त विवरण : आप हरी सुख रूप सदा सत, पूरण चेतन एक अपारा। मैं निज दास सदा पद सेवक, तार
करो भव की भव धारा ॥ हूं अप खानि महामति मूरख, ना लप नेम न जानत यारा। पार करो अब आप सनातन,
“रामप्रकाश” अधार तुम्हारा ॥ ज्ञान अपार विचार अखण्डित, लाग रही घट एक हि धारा। सार निजानन्द पूरण
आतम, दूर किये भ्रम भेद विकारा.
Gudarth Bhajan Manjari PDF Pustak Ka Sankshipt Vivaran :
Short Description of Gudarth Bhajan Manjari Hindi PDF Book
“जीवन को दो सबसे महत्त्वपूर्ण दिन हैं, पहला जिस दिन आपका जन्म हुआ और दूसरा दिन जब आपको ज्ञान हुआ कि क्यों। ” – मार्क ट्वैन
“The two most important days in your life are the day you are born and the day you find out why.” – Mark Twain
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