कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ व्रत को चांद को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है।
करवा चौथ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं। करवा चौथ व्रत के नियम अलग-अलग जगहों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर को है। अगर आप भी इस साल पहली बार व्रत रखने जा रही हैं तो जान लें पूजन साम्रगी, पूजा विधि और सोलह श्रंगार-
करवा चौथ पूजन के लिए सामग्री-
छलनी, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन (मिट्टी या पीतल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है), रूई की बत्ती, धूप या अगरबत्ती, फल, फूल, मिठाईयां, कांस की तीलियां, करवा चौथ कैलेंडर, रोली, अक्षत (साबुत चावल), गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी के 5 डेले, आटे का दीया, दीपक, सिंदूर, चंदन, कुमकुम, शहद, चीनी, लकड़ी का आसन, जल, गंगाजल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा और दक्षिणा।
करवा चौथ पूजन शुभ मुहूर्त 2021-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, काशी में या आसपास में चंद्रोदय समय रात में लगभग 7:57 बजे होगा। इसके बाद नंगी आंखों से चंद्रमा दिखाई पड़ने पर अर्घ्य देकर परम्परागत तरीके से इस व्रत पर्व को मनाया जाता है। 24 अक्टूबर 2021 को शाम 05 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
चंद्रोदय : रात 8:07 बजे होगा
शाम 05 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक।
करवा चौथ पूजन / व्रत के लिए 16 श्रृंगार-
लाल रंग की साड़ी या लहंगा (या जो भी आप अपनी सामर्थ्य / सुविधानुसार पहनना चाहें), सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी, नथनी, काजल, गजरा, मेहंदी, अंगूठी, चूड़ियां, ईयररिंग्स (कर्णफूल), मांग टीका, कमरबंद, बाजूबंद, बिछिया और पायल।