सन्त साहित्य की लौकिक पृष्ठभूमि | Sant Sahitya Ki Laukik Prashthbhumi
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सन्त साहित्य की लौकिक पृष्ठभूमि पुस्तक का कुछ अंश : श्रामारिणिक संस्करण बहुत कम उपलब्ध हैं । वैसे भी लोक में प्रचलित रहने तथा सम्म्प्रदायिक परम्पराओं द्वारा सुरक्षित रखे जांने के कारण सन्त-साहित्य के रूप को निश्चित कर पाना तथा उसका निश्चित रचना-काल निर्धारित कर पाना आसान नहीं है । इसके साथ ही, इस काव्य में लोक-जीवन से सम्बद्ध जो सामग्री-सन्दर्भ प्राप्त होते हैं, वे जीवन के इन पक्षों की रूपरेखा प्रस्तुत करने में तो सहायता करते हैं, पर इनके आधार पर पक्षों के ऐसे सूक्ष्म और विविध रूपों का विवेचन करना सम्भव नहीं हो सका है? जिससे इस लम्बे काल के विविध युगों की परिवर्तित मनोवृत्ति पर प्रकाश पड़ना सम्भव हो सका…………
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सन्त साहित्य की लौकिक पृष्ठभूमि | Sant Sahitya Ki Laukik Prashthbhumi |
| Author | Dr. Omprakash Sharma |
| Category | Historical Book in Hindi PDF History Book in Hindi Literature Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 398 |
| Quality | Good |
| Size | 50 MB |
| Download Status | Available |
“खुश रहना और संतुष्ट रहना सौन्दर्य बढ़ाने और युवा बने रहने के श्रेष्ठ तरीके हैं।” ‐ चार्ल्स डिकिन्स, उपन्यासकार (1812-1870)
“Cheerfulness and contentment are great beautifiers and are famous preservers of youthful looks.” ‐ Charles Dickens, novelist (1812-1870)
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