सफलता की ऊँची उड़ान : प्रजय कुमार शुक्ला | Safalta Ki Unchi Udaan : By Prajay Kumar Shukla Hindi Book
सफलता की ऊँची उड़ान पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : यह पुस्तक आज के युग में उन लाखों-करोड़ों लोगों के लिए है, जो जिंदगी को और करीब से देखना चाहते हैं। समाज में रहकर समाज से ऊपर उठना चाहते हैं। अपनी जिंदगी के क्रियाकलापों को और भी बेहतर बनाना चाहते हैं।
इस पुस्तक को लिखने का एक मुख्य कारण यह भी है कि मैं प्रतिदिन बमुश्किल पाई-पाई जोड़कर पैसे इकट्ठे करता था, मेरी आमदनी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा मात्र मकान के किराए में खर्च हो जाता, मुझे प्रतिमाह 5 तारीख को 6 हजार रुपये किराए के रूप में देने होते थे। इसके अतिरिक्त मुझे मीलों शहर में पैदल यात्रा करनी होती थी, कभी-कभी नगर सेवा की छोटी सी सिटी चढ़ता तो इतनी ज्यादा भीड़ होती थी कि मुझे खड़े-खड़े ही सफर तय करना पड़ता। इस दौरान मुझे अपनी गरदन तीन इंच नीचे झुकानी पड़ती, क्योंकि मेरी लंबाई बस की नीची छत से अधिक थी। कभी-कभार तो भीड़ इतनी ज्यादा होती कि पेट को थोड़ा दबाकर उन बसों में चढ़ना पड़ता था, और तो और एक बार यदि पेट दबाकर बस में चढ़ जाएं तो पूरे सफर के दौरान पेट को पिचकाकर ही रखना होता था, क्योंकि पेट फुलाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती थी।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सफलता की ऊँची उड़ान | Safalta Ki Unchi Udaan |
| Author | प्रजय कुमार शुक्ला / Prajay Kumar Shukla |
| Category | ज्ञान / Knowledge Hindi Books Motivational Book in Hindi Self Help Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 208 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“क्यों न हम वृद्धाश्रमों के बग़ल में ही अनाथालय बनाएं? कोई व्यक्ति झूलने वाली कुर्सी में बैठा होगा तो बहुत जल्दी ही उसकी गोद में एक बच्चा भी होगा।” ‐ क्लोरिस लीचमैन, अभिनेत्री
“Why can’t we build orphanages next to homes for the elderly? If someone were sitting in a rocker, it wouldn’t be long before a kid will be in his lap.” ‐ Cloris Leachman, actress
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