सात घुंघट वाला मुखड़ा : अमृतलाल नागर | Saat Ghunghat Wala Mukhra : By Amritlal Nagar Hindi Book
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सात घुंघट वाला मुखड़ा पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : अमृतलाल नागर ने हिन्दी साहित्य को जो कालजयी उपन्यास दिए हैं, सात घूंघट वाला मुखड़ा उनमें से एक है। अमृतलाल नागर की लेखनी की विशिष्ट कला चातुरी से ही इतिहास पर आधारित शुष्क कथानक भी बेहद सरस बन पड़ा है। बेगम समरू पर केन्द्रित कहानी में स्थान-स्थान पर रोमांस के दृश्य गुदगुदाते हैं, सभासदों और शाही कारिंदो के छल-प्रपंच अचंभित करते हैं और कहानी में आगे आने वाली घटनाओं के प्रति जिज्ञासा निरंतर बनी रहती है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सात घुंघट वाला मुखड़ा | Saat Ghunghat Wala Mukhra |
| Author | Amritlal Nagar |
| Category | वयस्क / Adult Hindi Books Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 112 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“वह व्यक्ति बुद्धिमान है जो उन वस्तुओं के लिए दुःख नहीं मनाता जो उसके पास नहीं हैं, लेकिन उनके लिए आनन्द मनाता है जो उसके पास हैं।” ‐ एपिक्टेट्स
“He is a wise man who does not grieve for the things which he has not, but rejoices for those which he has.” ‐ Epictetus
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