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अमर -कथा (तोते वाली) | Amar - Katha (Tote Vali)

अमर -कथा (तोते वाली) | Amar - Katha (Tote Vali)
पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name अमर -कथा (तोते वाली) | Amar - Katha (Tote Vali)
Author
Category,
Language
Pages 84
Quality Good
Size 40 MB
Download Status Available

अमर -कथा (तोते वाली) पुस्तक का कुछ अंश  : उरठीं गौरजा कह शिव मैंने कुछ नहीं सुन पाया फ़िर शिवजी ने कहा डुंकारा किसने मुझको सुनाया और तीसरा यहाँ. पर कौन विधि करको आया चढ़ा क्रोध शिव शंकर को कर से त्रिशुल को उठाया उसी वक्‍त फिर वह तोते का बच्चा उठकोे धाया दौड़े शिव उसके पीछे वह निकल गया कर सुम्तमती उत्तराखण्ड में लगा आसन बैठे हैं. कैनाशपति तीन लोक में उड़ा वह तोता कहीं मिला नहीं ठिकाना उड़ते-उड़ते बहुत सा अपने मन में घबड़ाना पतिव्रता थी खड़ी करे स्नान उसी को पहिचाना दौड़ के तोता जाय फिर उसके मुख में……..

“उन सभी कारणों को भूल जाएं कि कोई कार्य नहीं होगा। आपको केवल एक अच्छा कारण खोजना है कि यह कार्य सफल होगा।” डा. राबर्ट
“Forget about all the reasons why something may not work. You only need to find one good reason why it will.” Dr. Robert

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