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करवा चौथ व्रत कथा (बुढिया और गणेश जी की कहानी) : हिंदी ऑडियोबुक | Karva Chauth Vrat Katha (Budhiya Aur Ganesh Ji Ki Kahani) : Hindi Audiobook

करवा चौथ व्रत कथा (बुढिया और गणेश जी की कहानी) : हिंदी ऑडियोबुक | Karva Chauth Vrat Katha (Budhiya Aur Ganesh Ji Ki Kahani) : Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details
AudioBook Name करवा चौथ व्रत कथा (बुढिया और गणेश जी की कहानी) / Karva Chauth Vrat Katha (Budhiya Aur Ganesh Ji Ki Kahani)
Author
Category, ,
Duration 2:52 Mins
Source Youtube

Karva Chauth Vrat Katha (Budhiya Aur Ganesh Ji Ki Kahani) Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : बहुत समय पहले की बात है। एक अन्धी बुढ़िया थी जिसका एक लड़का और बहू थी। वो लोग बहुत गरीब थे। वह अन्धी बुढ़िया रोजाना गणेश जी की पूजा किया करती थी। गणेश जी उस बुढ़िया से प्रसन्न होकर एक दिन साक्षात् सन्मुख आकर कहते हैं कि मैं आपकी पूजा से प्रसन्न हूं आपको जो वर मांगना है वो मांग लें। बुढिया कहती है, मुझे मांगना नहीं आता तो कैसे और क्या मांगू। तब गणेश जी बोले कि अपने बहू- बेटे से पूछकर मांग लो। तब बुढिया ने अपने पुत्र और वधु से पूछा तो बेटा बोला कि धन मांग ले और बहु ने कहा की पोता मांग लें। तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बातें कर रहे हैं। फिर बुढ़िया ने पड़ोसियों से पूछा तो, पड़ोसियों ने कहा कि बुढ़िया तेरी थोड़ी सी जिंदगी बची है। क्यूँ मांगे धन और पोता, तू तो केवल अपने नेत्र मांग ले जिससे तेरी बाकी की जिंदगी सुख से व्यतीत हो जाए।

उस बुढ़िया ने बेटे और बहू तथा पडौसियों की बातें सुनकर घर में जाकर सोचा, कि क्यों न ऐसी चीज मांग लूं जिसमें बेटा बहू और मेरा सबका ही भला हो। जब दूसरे दिन श्री गणेश जी आये और बोले, कि आपको क्या मांगना है कृप्या बताइए? हमारा वचन है जो आप मांगेगी सो वो हो जाएगा। गणेश जी के वचन सुनकर बुढ़िया बोली, हे गणराज! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आँखों में प्रकाश दें, नाती पोते दें, और समस्त परिवार को सुख दें। फिर अंत में मोक्ष दें।

“अवसर सूर्योदय की तरह होते हैं। यदि आप ज्यादा देर तक प्रतीक्षा करते हैं तो आप उन्हें गंवा बैठते हैं।” ‐ विलियम आर्थर वार्ड
“Opportunities are like sunrises. If you wait too long, you miss them.” ‐ William Arthur Ward

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