संपूर्ण भारतीय संविधान और राजव्यस्था : सोनू अहलावत द्वारा हिंदी ऑडियोबुक | Sampurn Bharatiya Sanvidhan Aur Rajvyavastha : by Sonu Ahlawat Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | संपूर्ण भारतीय संविधान और राजव्यस्था / Sampurn Bharatiya Sanvidhan Aur Rajvyavastha |
Author | Sonu Ahlawat |
Category | ऑडियोबुक्स / Audiobooks, Bhartiya Sanvidhan |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 3;20:00 hrs |
Source | Youtube |
Sampurn Bharatiya Sanvidhan Aur Rajvyavastha Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : यह पुस्तक भारतीय संविधान और राज्यव्यवस्था सिविल सेवा परीक्षाओं के साथ-साथ अन्य राज्य सेवा परीक्षाओं के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए एक अवश्य पढ़ा जाना चाहिए। यह पुस्तक पूरी तरह से सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं, अवधारणाओं और परिभाषाओं का वर्णन है जो सभी प्रतियोगी परीक्षा जैसे IAS, IPS, SSC, Banking, Board Exam के लिए उपयोगी है।
विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उपयोगी जैसे: संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, बिहार लोक सेवा आयोग, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, छ्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग तथा हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग इत्यादि | पुस्तक में वैचारिक समझ और बेहतर प्रतिधारण पर जोर दिया गया है जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। पुस्तक आईएएस प्रारंभिक परीक्षा, सीडीएस, एनडीए और विभिन्न अध्यायों में वितरित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पिछले वर्षों के स्पष्टीकरण के साथ अधिकांश महत्वपूर्ण प्रश्नों को पकड़ती है।
‘भारत का संविधान’ हिंदी में सरलीकृत रूप में प्रस्तुत है। यहाँ तक कि भारत सरकार द्वारा प्राधिकृत स्वरूप को भी और सहज बना दिया गया है, ताकि विद्यार्थीगण, प्रतियोगितात्मक परीक्षा के अभ्यर्थी तथा संविधान के अध्येता इसे आसानी से हृदयंगम कर सकें। पुस्तक के बीच-बीच में महत्त्वपूर्ण विषयों अथवा संबंधित जानकारी को बॉक्स में रखा गया है जिससे सरसरी दृष्टि से भी भारत के संविधान का सारतत्त्व ग्रहण किया जा सके। संविधान भारत की आत्मा है। संविधान के आधार पर देश की शासन-व्यवस्था संचालित होती है तथा न्यायपालिका यह देखती है कि संविधान का उल्लंघन न हो। पर संविधान के मूल अंश के साथ यह भी कम महत्त्वशाली नहीं है कि संविधान के कार्यान्वयन के पीछे कौन-कौन से अधिनियम, संवैधानिक हस्तियाँ या व्यक्ति थे। इन सभी का सुंदर समन्वय इस पुस्तक में किया गया है, ताकि छात्रों के साथ-साथ आम पाठक भी भारतीय संविधान के बारे में आधारभूत जानकारी प्राप्त कर सके। आशा है कि ‘भारत के संविधान’ का इस रूप में स्वागत होगा।.
“जब तक किसी व्यक्ति द्वारा अपनी संभावनाओं से अधिक कार्य नहीं किया जाता है, तब तक उस व्यक्ति द्वारा वह सब कुछ नहीं किया जा सकेगा जो वह कर सकता है।” ‐ हेनरी ड्रम्मन्ड
“Unless a man undertakes more than he possibly can do, he will never do all that he can.” ‐ Henry Drummond
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