सीडियां , माँ और उसका देवता : भगवान दास मोरवाल द्वारा हिंदी पुस्तक | Sidiyan , Maa Aur Uska Devta : By Bhagwan Das Morwal Hindi Book
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | सीडियां , माँ और उसका देवता | Sidiyan , Maa Aur Uska Devta |
Author | Bhagwan Das |
Category | मनोरंजन / Entertainment, कहानी / Story, कहानी संग्रह / Story Collections, Kahani Sangrah |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 232 |
Quality | Good |
Download Status | Not for Download |
सीडियां , माँ और उसका देवता पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : हिन्दी कहानियों की दुनिया में नए प्रकार की सामाजिकता का प्रवेश तेजी से हो रहा है। समाज के ऐसे-ऐसे अंश साहित्य में अपनी जगह माँग रहे हैं जिनके बारे में कभी चर्चा तक नहीं होती थी। पहले ऐसे अँधेरे कोनों के बारे में कोई रचना आ जाती थी तो उसे अनूठा मान लिया जाता था। आज वैसे गुमनाम कोनों के बारे में लिखनेवालों की तादाद बढ़ी है। और तो और ये गुमनाम कोने खुद लिखने-बोलने भी लगे हैं भगवानदास मोरवाल ऐसे अँधेरे बन्द कोनों को रोशन करने और उन्हें जीवन्त बनाने के लिए जाने जाते हैं हिन्दी कहानी को अपने विरल अनुभवों से समृद्ध करनेवाले नामों में उनका नाम भी अहमियत रखता है।
“व्यस्त रहना काफी नहीं है, व्यस्त तो चींटियां भी रहती हैं। सवाल यह है – हम किस लिए व्यस्त हैं?” हेनरी डेविड थोरु
“It is not enough to be busy, so are the ants. The question is: what are we busy about?” Henry David Thoreau
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें