सोमतीर्थ : रघुवीर चौधरी | Soamtirtha : By Raghuveer Chaudhary Hindi Book
सोमतीर्थ पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : महमूद नेट हिन्दुओं में मुस्लिमों के प्रति अरुचि जागी बाद भारत के जो और दृढ़ होती गई। ऐसा होना नहीं चाहिए था महमूद के दो मुख्य सेनापति हिन्दू थे और महजूद धर्म के अगुआ के रूप में नहीं जाया था उसकी भूख सत्ता और सम्पति की थी। उसके धर्माध्यक्ष भी उससे सावधान रहते थे। अन्त में वह भाग निकला। उस समय भारत में बने हुए उसके साथी शादी कर यहाँ के समाज में मिल गए जिनसे बादेश और शेखावत हुए। यहाँ तत्कालीन राजनीतिक- सामाजिक स्थितियों का वर्णन करते हुए उपन्यासकार ने लोगों के निजी सुख-दुख तथा दावों को भी संजीदगी से उतार किया है।
लेखक ने यहाँ दो महत्त्वपूर्ण कार्य किए हैं- (1) सत्ता और सम्पत्ति के लोभी राजपुरुषों द्वारा धार्मिक प्रजाजनों के बीच खड़ी की गई गलतफहमी दूर करना और (2) सृष्टि में व्याप्त कल्याणकारी सौन्दर्य को शिवतत्त्व के रूप में निरूपित करना।
ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति वफादार रहते हुए लेखक ने कहीं-कहीं छूट भी ली है लेकिन इस तरह कि सृष्टि के वातावरण में उपकारक सिद्ध हो
सरस भाषा एवं रोचक शैली में यह उपन्यास पढ़ते हुए महसूस ही नहीं होता कि हम गुजराती उपन्यास का रूपान्तर पड़ रहे हैं।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सोमतीर्थ | Soamtirtha |
| Category | हिन्दू / Hinduism Hindi Books Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 264 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“वे हमेशा यह कहते हैं कि समय के साथ साथ परिस्थितियां बदल जाती हैं, लेकिन वास्तव में उन्हें आपको स्वयं ही बदलना होता है।” एन्डी वार्होल
“They always say time changes things, but you actually have to change them yourself.” Andy Warhol
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