कोई है!: रूपसिंह राठौड द्वारा हिंदी पुस्तक | Koi Hai!: By Roopsingh Rathore Hindi Book
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पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | कोई है ! | Koi Hai ! |
Author | रूपसिंह राठौड / Roopsingh Rathore |
Category | साहित्य / Literature, शिक्षा / Educational, कहानी / Story |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 136 |
Quality | Good |
Download Status | Not for Download |
कोई है ! पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : सर्वप्रथम आभारी हूँ शिक्षा विभाग, राजस्थान का जिसके द्वारा प्रकाशित रचनाएँ इस कृति में समाहित हैं। दूसरे नमन करता हूँ उन साहित्य ममंजों को जिन्होंने इस कृति की रचनाओं के विषय में अपना बेबाक मंतव्य व्यक्त किया है।
सर्वश्री रघुनाथसिंहजी ‘काली पहाड़ी’, श्री कल्याण सिंहजी ‘राजावत’ के लिए साधुवाद के पात्र हैं। आशा है आपके वरदहस्त का साया सदैव मेरा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।
गुरुवर श्री जगतसिंहजी जाखल का स्नेह, श्री सुमेरसिंहजी (सी.ए.), मगनसिंहजी “जय पहाड़ी’ मोहनसिंहजी गौड़ (प्रिंसीपल नबीपुरा), श्री भील्लूख (से.नि. शिक्षा अधिकारी सहपाठी), प्रिय शिष्य दरियासिंह गोदारा (प्र.अ. साँवड़िया) का यथा सुलभ सहयोग सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
श्रीमती मिनेश शेखावत, प्रधानाचार्या श्री भवानी निकेतन बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, झोटवाडा, श्रीमती अरुणाजी (उदयपुर), श्री मनफूलसिंह (अलसीसर), श्री लक्ष्मणसिंह (प्रिंसीपल इस्लामपुर), श्री राजपालसिंह (झुंझुनूं) भी साधुवाद के पात्र हैं। श्रीयुत सोहनसिंह (बगड़) का बहुत-बहुत आभार
अनुज सम वैद्य श्री मोहनलाल शर्मा, श्री बी. आर. चौहान, मनोज ‘अमन’, श्री वीरेन्द्रसिंह गौड़ व प्रभुसिंह राठौड़, देवेन्द्र एवं रविन्द्र को यथा योग्य शुभाशीष चि. धर्मपालसिंहजी व सत्येन्द्रसिंहजी का भी अच्छा सहयोग रहा।
“जब तक उम्मीद की जगह अफ़सोस नहीं ले लेता, तब तक इंसान वृद्ध नहीं होता।” ‐ जॉन बैरिमोर
“A man is not old until regrets take the place of dreams.” ‐ John Barrymore
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