वेदान्त दर्शन के आयाम | Vedant Darshan Ke Aayam
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | वेदान्त दर्शन के आयाम | Vedant Darshan Ke Aayam |
Author | Ambika Dutt Sharma |
Category | Social, अध्यात्मिक / Spiritual |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 641 |
Quality | Good |
Size | 143 MB |
Download Status | Available |
वेदान्त दर्शन के आयाम पुस्तक के कुछ अंश : पूरे भारतीय नवजागरण काल में ‘नव-वेदान्त’ कहे जाने वाले दार्शनिक चिन्तन की प्रधानता आद्यन्त रूप से देखी जा सकती है। उस समय के दार्शनिक जो एक साथ जन नायक और समाज सुधारक भी रहे, उन्होंने मानवीय जीवन के सभी पक्षों की व्याख्या पाश्चात्य सभ्यता बोध को पूर्वपक्ष बनाते हुए ‘नव-वेदान्तवादी’ दृष्टि से किया है। जीवन और जगत् के प्रति मायावादी दृष्टिकोण का नकार और जगत् की यथातथ्यता की स्वीकृति तथा वेदान्ती विश्वदृष्टि में ही प्रगतिशील एवं रचनात्मक जीवन के लिए अधिकाधिक अवकाश निर्मित करना नव-वेदान्ती चिन्तन की प्रस्थानमूलक विशिष्टता रही है। साथ ही साथ नव-वेदान्ती चिन्तन में उन सामाजिक-सांस्कृतिक विकारों के प्रति भी एक सशक्त आत्मचेतना दिखाई पड़ती है जिन्हें वेदान्त………..
“जिस प्रकार मैं एक गुलाम नहीं बनना चाहता, उसी प्रकार मैं किसी गुलाम का मालिक भी नहीं बनना चाहता। यह सोच लोकतंत्र के सिद्धांत को दर्शाती है।” ‐ अब्राहम लिंकन
“As I would not be a slave, so I would not be a master. This expresses my idea of democracy.” ‐ Abraham Lincoln
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