गुप्त साधन तंत्र | Gupt Saadhan Tantra
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | गुप्त साधन तंत्र | Gupt Saadhan Tantra |
Author | Baldev Prasad Mishra |
Category | धार्मिक / Religious, अध्यात्मिक / Spiritual |
Language | संस्कृत / Sanskrit, हिंदी / Hindi |
Pages | 104 |
Quality | Good |
Size | 33.8 MB |
Download Status | Available |
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गुप्त साधन तंत्र पुस्तक का कुछ अंश : एक समय भगवान महादेव जी अनेक प्रकार के रत्नो से शोभायमान मनोहर कैलास पर्वत के शिखर पर सुख से विरजमान थे। इस ही समय देवी पार्वती जी लोकहित साधन की कामना से परमभक्ति के साथ महादेव जी से पूछती हुई पर्वती जी बोली हे देवदेव! तुम देवताओ मे श्रेष्ठ हो सदा लोको पर अत्यंत अनुग्रह प्रकट किया करते हो। हे नाथ पाहिले तमने कुलाचार के माहात्म्य को प्रगट किया है।
“मैं इस आसान धर्म में विश्वास रखता हूं। मन्दिरों की कोई आवश्यकता नहीं; जटिल दर्शनशास्त्र की कोई आवश्यकता नहीं। हमारा मस्तिष्क, हमारा हृदय ही हमारा मन्दिर है; और दयालुता जीवन-दर्शन है।” ‐ दलाई लामा
“This is my simple religion. There is no need for temples; no need for complicated philosophy. Our own brain, our own heart is our temple; the philosophy is kindness.” ‐ Dalai Lama
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