अध्यात्म रामायण | Adhyatma Ramayana
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | अध्यात्म रामायण | Adhyatma Ramayana |
Author | Unknown |
Category | साहित्य / Literature, रामायण / Ramayan, Fiction |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 558 |
Quality | Good |
Size | 315.6 MB |
Download Status | Available |
अध्यात्म रामायण पुस्तक का कुछ अंश : सूत जी बोले एक समय योगाभ्यासी नारद ही दूसरे जीवो के कल्याण की इच्छा से सब लोगों में विचरते हुए सत्यलोक में आए वहां मूर्तिमान वेद जिनके चारों को खड़े हैं और जो बाल सूर्य के समान अपनी प्रतिभा से सब सभा को पूर्ण प्रकाशित कर रहे हैं और मार्कंडेय आदि मुनि बारंबार स्तुति कर रहे हैं और जो सर्व शास्त्र और लौकिक पदार्थों के ज्ञाता हैं और सरस्वती जी से शोभायमान हैं ऐसे सब जगत के स्वामी, भक्तों की मनोरथ को देने वाले ब्रह्मा जी का दर्शन करते और भक्ति पूर्वक प्रणाम करके नारद जी स्तुति करने लगे…….
“सम्मान रहित सफलता नमक रहित भोजन की तरह होती है; इससे आपकी भूख तो मिट जाएगी, लेकिन यह स्वादिष्ट नहीं लगेगी।” ‐ जो पैटेर्नो
“Success without honor is an unseasoned dish; it will satisfy your hunger, but it won’t taste good.” ‐ Joe Paterno
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