अध्यात्म रामायण | Adhyatma Ramayana

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अध्यात्म रामायण पुस्तक का कुछ अंश : सूत जी बोले एक समय योगाभ्यासी नारद ही दूसरे जीवो के कल्याण की इच्छा से सब लोगों में विचरते हुए सत्यलोक में आए वहां मूर्तिमान वेद जिनके चारों को खड़े हैं और जो बाल सूर्य के समान अपनी प्रतिभा से सब सभा को पूर्ण प्रकाशित कर रहे हैं और मार्कंडेय आदि मुनि बारंबार स्तुति कर रहे हैं और जो सर्व शास्त्र और लौकिक पदार्थों के ज्ञाता हैं और सरस्वती जी से शोभायमान हैं ऐसे सब जगत के स्वामी, भक्तों की मनोरथ को देने वाले ब्रह्मा जी का दर्शन करते और भक्ति पूर्वक प्रणाम करके नारद जी स्तुति करने लगे…….
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | अध्यात्म रामायण | Adhyatma Ramayana |
| Author | Unknown |
| Category | Literature Book in Hindi Fiction Book in Hindi PDF Ramayan Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 558 |
| Quality | Good |
| Size | 315.6 MB |
| Download Status | Available |
“पिता एक प्रकाश-स्तम्भ की तरह होते है। जब धुंध होती है तो बच्चे प्रकाश के लिए हमेशा उन पर निर्भर रह सकते हैं।” – क्रिस्टी बोरजेल्ड
“Fathers are like a lighthouse… when there is fog his children can always depend on seeing the light.” – Christy Borgeld
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