अष्टावक्र गीता | Ashtavakra Gita PDF

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अष्टावक्र गीता | Ashtavakra Gita PDF Hindi Book
अष्टावक्र गीता पुस्तक का कुछ अंश : एक समय में मिथिलाधीश राजा जनक के मन में पूर्व पुण्य के प्रभाव से इस प्रकार जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि असार संसार रूप के बंधन से किस प्रकार मुक्ति होगी फिर उन्होंने ऐसा भी विचार किया कि किसी जन्म ब्रह्मज्ञानी गुरु के समीप जाना चाहिए इसी अन्तर में उनको मानो ब्रह्मज्ञान के समुद्र परम दयालु श्री अष्टावक्र जी मिले। इनकी आकृति को देखकर राजा जनक के मन में यह अभिमान हुआ कि यह ब्राह्मण अत्यंत ही कुरूप है…..
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | अष्टावक्र गीता | Ashtavakra Gita PDF |
| Author | Unknown |
| Category | संस्कृति | Culture Hindi Books हिन्दू / Hinduism Hindi Books Geeta Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 180 |
| Quality | Good |
| Size | 54.3 MB |
| Download Status | Available |
“जब हम किसी नई परियोजना पर विचार करते हैं तो हम बड़े गौर से उसका अध्ययन करते हैं – केवल सतह मात्र का नहीं, बल्कि उसके हर एक पहलू का।” वाल्ट डिज़्नी
“When we consider a new project, we really study it – not just the surface idea, but everything about ¡t.” Walt Disney
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