भक्त प्रहलाद : अनिल कुमार | Bhakta Prahlad : By Anil Kumar Hindi Book
भक्त प्रहलाद पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : पौराणिक भगवद्भक्तों में प्रह्लाद अत्यंत सम्माननीय एवं प्रसिद्ध रहे हैं। अपने पिता हिरण्यकशिपु से उनका वैचारिक मतभेद था । हिरण्यकशिपु परंपरागत सनातन धर्म के विरोधी थे। वह यज्ञ, पूजा-पाठ, भगवन्नाम स्मरण आदि धार्मिक कार्यों के घोर विरोधी थे; क्योंकि उनके भाई हिरण्याक्ष को भगवान् विष्णु ने मार डाला था; जबकि प्रह्लाद भगवान् विष्णु के परम भक्त थे। हिरण्यकशिपु ने लंबे समय तक तपस्या करके ब्रह्माजी से यह वर प्राप्त कर लिया था कि उसकी मृत्यु न आकाश में हो, न धरती पर न दिन में हो, न रात में; न शस्त्र से हो, न अस्त्र से; न घर में हो, न बाहर न मनुष्य से हो, न पशु से। इसीलिए वह अपने आपको अमर समझता था।
Learn and grow spiritually—click here for books
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | भक्त प्रहलाद | Bhakta Prahlad |
| Author | अनिल कुमार / Anil Kumar |
| Category | हिन्दू / Hinduism Hindi Books Bhakti Book in Hindi | भक्ति Biography Book in Hindi God Book in Hindi PDF Jivan Charitra Book in Hindi PDF Religious Books in Hindi PDF Sadhana Book in Hindi PDF Spiritual PDF Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 26 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“बंदरगाह में खड़ा जलयान सुरक्षित होता है। जलयान वहां खड़े रहने के लिए नहीं बने होते हैं।” ‐ थामस एक्किनास
“A ship in harbor is safe . . . but that is not what ships are for.” ‐ Thomas Aquinas
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












