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पाँच नुक्कड़ नाटक : राजेश कुमार | Paanch Nukkad Naatak : By Rajesh Kumar Hindi Book

Paanch Nukkad Naatak Rajesh Kumar Hindi Book
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पञ्च नुक्कर नाटक पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : है। धर जो तीस-चालीस साल गुजरे हैं, वह नुक्कड़ नाटक आंदोलन के लिए इ महत्त्वपूर्ण काल है। यूँ तो जनता के नाटक का इतिहास वर्षों पुराना है। लगभग हर उथल-पुथलवाले दौर में जन नाटक विभिन्न रूपों में ढलकर जनमानस के बीच समसामयिक सवालों को लेकर एक संघर्षशील भूमिका निभाता रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशकों से प्रतिरोधी थिएटर के रूप में नुक्कड़ नाटक का जो रूप-स्वरूप उभरकर आया है, वह कई मायनों में पहले की अवधारणाओं से भिन्न है। सन् ६९ के नक्सलबाड़ी आंदोलन में जिस तरह सामंती व्यवस्था के खिलाफ भूमिहीन किसानों ने वहाँ के जमींदारों-सरमाएदारों के खिलाफ सशस्त्र भूमि आंदोलन चलाया था, उसने न केवल राजनीति की दिशा बदल दी बल्कि सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी वह एक नया संचार लाया। कलाएँ, जो वर्षों से अपने रूप, शिल्प और शैली में जकड़ी हुई थीं, एक चहारदीवारी के अंदर सिकुड़ी हुई थीं, उनमें खुलापन आया। सीमित दायरा हर तरफ से मुक्त होने लगा। देखते-ही-देखते आंदोलन की आँच ने इस नाट्य आंदोलन को तपाकर और खरा कर दिया। मेरे लगभग सारे नुक्कड़ नाटक उसी दहाने से निकले हुए हैं।

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name पाँच नुक्कड़ नाटक | Paanch Nukkad Naatak
Author
Categoryनाटक / Drama Hindi Books समाज / Society Hindi Books Social PDF Books In Hindi
Language
Pages 160
Quality Good
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“अपनी सामर्थ्य का पूर्ण विकास न करना दुनिया में सबसे बड़ा अपराध है। जब आप अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य निष्पादन करते हैं, तब आप दूसरों की सहायता करते हैं।” ‐ रोजर विलियम्स
“The greatest crime in the world is not developing your potential. When you do your best, you are helping others.” ‐ Roger Williams

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