Purvottar Ki Lokkathaen : By Swaran Anil Hindi Book | पूर्वोत्तर की लोककथाएँ : स्वर्ण अनिल द्वारा हिंदी पुस्तक
पूर्वोत्तर की लोककथाएँ पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : सात राज्यों— अरुणाचल, आसाम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और
त्रिपुरा के सातों रंग इंद्रधनुष की भाँति मंत्रमुग्ध करनेवाला अद्वितीय सौंदर्य प्रदान कर पूर्वोत्तर के संपूर्ण आँचल को अपनी अलग पहचान देते हैं। ‘पूर्वोत्तर की लोककथाएँ’ शीर्षक, अपनी इस पुस्तक में मैंने इन सात राज्यों की कुछ ऐसी लोककथाओं के प्रबुद्ध पाठकों के सम्मुख रखने का प्रयास किया है, जिनके पात्र जीवन-मूल्यों की स्थापना अपनी समस्त मानवीय दुर्बलताओं और सबलताओं के दम पर करते हैं। सामाजिक स्तर पर भी इस संग्रह में कहीं टैंटौन, खामबा, अपने, छूरा बूरा, लियानडोवा, नुछीमी, सिंगविल, यू-रेन, कसमती-लजंती जैसे सर्वसाधारण वर्ग के पात्रों की कथाएँ हैं। लु-ग्याल्यो में तो अप्सरा, जयंती देवी जैसे दिव्य पात्र और चैजेय कुंगमा-चऔमी चिरीया भीम, असिजोनेड, थोईबी जैसे राजसी वर्ग के कथा नायक-नायिकाएँ भी हैं।
Read your next Hindi story by tapping this link
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | पूर्वोत्तर की लोककथाएँ | Purvottar Ki Lokkathaen |
| Author | Swaran Anil |
| Category | कहानी संग्रह / Story Collections लोक कथाएं / Lok Kathayein Hindi Books Literature Book in Hindi Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 198 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“जिसे इंसान से प्रेम है और इंसानियत की समझ है, उसे अपने आप में ही संतुष्टि मिल जाती है।” ‐ स्वामी सुदर्शनाचार्य जी
“Whoever loves and understands human beings will find contentment within.” ‐ Swami Shri Sudarshnacharya ji
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












