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संपूर्ण पंचतंत्र (काकोलुकीयम्) : विष्णु शर्मा द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Sampurn Panchtanra (Kakolukiyam) : by Vishnu Sharma Hindi Audiobook

संपूर्ण पंचतंत्र (मित्रभेद) : विष्णु शर्मा द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Sampurn Panchtanra (Mitrabhed) : by Vishnu Sharma Hindi Audiobook
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Sampurn Panchtanra (Kakolukiyam) Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : पंचतंत्र की कहानियाँ विष्णु शर्मा द्वारा 200 ईसवी पूर्व लिखी गई थीं। इन कहानियों में जानवरों के द्वारा मित्रता और शत्रुता के संबंध में सीख देने की कोशिश की गई है। इस किताब में विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पांचों सिद्धांतों के सम्पूर्ण कहानियां है। पंचतन्त्र को भारतीय सभ्यता, संस्कृति, आचार-विचार तथा परम्परा का विशिष्ट ग्रन्थ होने के कारण महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया जाता है। यही वह ग्रन्थ है, जिसमें छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से अनेक धार्मिक सामाजिक तथा राजनैतिक तथ्यों की इतनी सुन्दर और रोचक व्याख्या प्रस्तुति की गयी है, जैसी किसी अन्य ग्रन्थ में मिलना दुर्लभ है । पंचतन्त्र मानव-जीवन में आने वाले सुख-दु:ख, हर्ष-विषाद तथा उत्थान-पतन में विशिष्ट मार्गदर्शक सिद्ध हुआ है । इस पुस्तक का एक-एक पृष्ठ आपकी किसी न- किसी समस्या के समाधान में अवश्य ही सहायक सिद्ध होगा । संस्कृत साहित्य का यह ग्रन्थ–रत्न कई हज़ार वर्षों से अपनी उपयोगिता और लोकप्रियता के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुका है । संस्कृत के इस गौरव-ग्रन्थ को हिन्दी के पाठकों तक पहुँचाने के लिए इसे अत्यन्त सरल भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है । आशा है कि हिन्दी के पाठक इसे पढ़कर लाभ उठायेंगे । पंचतंत्र की कहानियाँ विष्णु शर्मा द्वारा 200 ईसवी पूर्व लिखी गई थीं। इन कहानियों में जानवरों के द्वारा मित्रता और शत्रुता के संबंध में सीख देने की कोशिश की गई है। इस किताब में विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पांचों सिद्धांतों के सम्पूर्ण कहानियां है।

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पुस्तक अपने मूल रूप में नहीं रह गयी है, फिर भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी रचना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आस- पास निर्धारित की गई है। इन कथाओं के रचयिता पं. विष्णु शर्मा हैं। जब इस ग्रंथ की रचना पूरी हुई, तब उनकी उम्र लगभग ८० वर्ष थी। पंचतंत्र को पाँच तंत्रों (भागों) में बाँटा गया है:

1. मित्रभेद (मित्रों में मनमुटाव एवं अलगाव)
2. मित्रलाभ या मित्रसंप्राप्ति (मित्र प्राप्ति एवं उसके लाभ)
3. काकोलुकीयम्‌ (कौवे एवं उल्लुओं की कथा)
4. लब्धप्रणाश (हाथ लगी चीज (लब्ध) का हाथ से निकल जाना (हानि))
5. अपरीक्षित कारक (जिसको परखा नहीं गया हो उसे करने से पहले सावधान रहें ; हड़बड़ी में कदम न उठायें)

मनोविज्ञान, व्यवहारिकता तथा राजकाज के सिद्धांतों से परिचित कराती ये कहानियाँ सभी विषयों को बड़े ही रोचक तरीके से सामने रखती है तथा साथ ही साथ एक सीख देने की कोशिश करती है। पंचतंत्र की कई कहानियों में मनुष्य-पात्रों के अलावा कई बार पशु-पक्षियों को भी कथा का पात्र बनाया गया है तथा उनसे कई शिक्षाप्रद बातें कहलवाने की कोशिश की गई है |

पुस्तक का विवरण / Book Details
AudioBook Name संपूर्ण पंचतंत्र (काकोलुकीयम्) / Sampurn Panchtanra (Kakolukiyam)
Author
CategoryHindi Audiobooks Story Book PDF in Hindi
Language
Duration 1:29:16 hrs
Source Youtube
“लेखन कार्य अच्छा है, सोचना-विचार करना सर्वश्रेष्ठ है। चतुराई अच्छी है, लेकिन धैर्य सर्वोत्कृष्ट है” ‐ हेरमन हेस्स
“Writing is good, thinking is better. Cleverness is good, patience is better.” ‐ Hermann Hesse

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