अपना मन उपवन : अभिमन्यु अनत | Apna Man Upvan : By Abhimanyu Anata Hindi Book
अपना मन उपवन पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : मॉरिशस के सुविख्यात कथाकार अभिमन्यु अनत का नाम भारतीय हिंदी पाठकों के लिए अनजाना नहीं है। अपने इस नये उपन्यास में उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण की विकट समस्या को बड़े ही मार्मिक ढंग से उकेरा है।
मॉरिशस की प्राकृतिक सुषमा के साथ ‘लघु भारत’ के नाम से प्रसिद्ध उस धरती के भारतीय वंशजों में प्रचलित प्रथाओं-परंपराओं के साथ लेखक ने अनेक विलक्षण चरित्रों को लेकर जो मनोरंजक कथा रची है, वह हमारी अपनी-सी लगती है। प्रकृति के साथ बरबस बलात्कार करते मानव ने अपने कृत्यों से जो संपन्नता का सपना देखा है वह किसी दिन प्राकृतिक प्रकोप से महाप्रलय बनकर समूची मानवता को आक्रांत कर सकता है-इसके लक्षण रह-रहकर सामने आते रहते हैं। वन-उपवन नष्ट होते जा रहे हैं; रेगिस्तान सभ्यता की बस्तियों को निगल रहे हैं; समुद्र का प्रचंड स्वरूप जब-तब जहां-तहां हजारों-लाखों जीवों का विध्वंस कर देता है-सूखा, अकाल, बाढ़ आए दिन घोर विध्वंस-लीला रचाते रहते हैं।
Get more exciting Hindi novels in PDF – click here
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | अपना मन उपवन | Apna Man Upvan |
| Author | Abhimanyu Anat / अभिमन्यु अनत |
| Category | Environment Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 344 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“मनुष्य की सबसे शुरुआती आवश्यकताओं में एक है किसी ऐसे की ज़रूरत जो आपके रात को घर न लौटने पर चिंतित हो कि आप कहां हैं।” माग्रेट मीड
“One of the oldest human needs is having someone to wonder where you are when you don’t come home at night.” Margaret Mead
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












