अपना पराया : रमेश पोखरियाल निशंक | Apna Paraya : By Ramesh Pokhriyal Nishank Hindi Book
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अपना पराया पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : मानवीय संवेदनाओं का दर्पण कथाकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का उपन्यास अपना पराया निस्संदेह मानवीय संवेदनाओं का उज्ज्वल दर्पण है। पर्वतीय समाज की संस्कृति एवं जीवन मूल्यों के ताने-बाने से बुनी गई। कथा अत्यंत रोचक है और देवभूमि गढ़वाल का परिचय कराने में सफल है।
डॉ. ‘निशंक’ की पात्र सृष्टि में सास एवं माँ कमला, देवर एवं पुत्र राहुल, बहू एवं भाभी लक्ष्मी तथा प्रेरक इंजीनियर पांडे-दंपती के चरित्रों में पाठक निश्चय ही पूरी तरह से रमकर मानव जीवन के सकारात्मक एवं नकारात्मक रूपों का साक्षात्कार करता है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | अपना पराया | Apna Paraya |
| Author | Ramesh Pokhriyal Nishank |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 168 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“सभी प्रमुख धार्मिक परम्पराओं का मूल संदेश एक ही है – प्रेम, दया, और क्षमा, लेकिन महत्त्वपूर्ण बात यह है कि ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होने चाहियें।” दलाई लामा
“All major religious traditions carry basically the same message, that is love, compassion and forgiveness the important thing is they should be part of our daily lives.” Dalai Lama
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