आदमी और जंगल : उमाकांत शर्मा | Adami Aur Jungle : By Umakant Sharma Hindi Book
आदमी और जंगल पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : भारत की अन्यान्य क्षेत्रीय भाषाओं के उपन्यासों की तरह ही असमिया उपन्यास का जन्म भी उन्नीसवीं शताब्दी में ही हुआ हो, असमिया का इतिहास इससे पुराना है। ईस्वी सन् की सोलहवीं शताब्दी के अंतिम चरण में असमिया गद्य में कया भागवत् और कया गीता की रचना हुई थी। सहनी ओर अरहवीं शताब्दी में रचित अोग ‘चुजी’ ग्रंथों में इतिहास की घटनाओं का वर्णन करने के लिए एक खास तरह का सरल और टकसाली गद्य व्यवहत किया गया था।
आधुनिक असमिया कथा-साहित्य का जन्म बैपटिस्ट मिशनरियों द्वारा रचित नीतिकथात्मक कहानियों में हुआ उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में शिवसागर शहर में अवस्थित उनलोगों के अपने छापखाने में मुद्रित ‘अरुणोदय’ नामक पहली अमिया पत्रिका (1846) में अमेरिकन वैपटिस्ट मिशनरियों की रचनाओं के अलावा भी उस समय के कई प्रख्यात असमिया लेखकों की चिट्नी-पत्री और लेख प्रकाशित हुए थे। सन् 1826 को ‘इयाद संधि के बाद अंग्रेजों ने असम को क्रमशः अपने अधीन करके प्रेसीडेंसी में शामिल कर लिया। फलतः सन् 1899 पर्यंत असम की सरकारी भाषा (राजभाषा) और शिक्षा का माध्यम बंगला बनी रही। उस समय के असमिया लेखक अरनिया और बंगला दोनों भाषाओं में रचना कर लेते थे।
टेकियाल कन रचित ‘आसाम बुरंजी’ (1979) आधुनिक बंगला गद्य में लिखित प्रथम इतिहास ग्रंथ माना जाता है। हालांकि उन्नीसवीं शती के मध्य में असम में एक विकसित गय का प्रचलन हो चुका था, उपन्यास- साहित्य का विकास बहुत बाद में हुआ पद्मावती देवी फुकननी लिखित ‘सुम्मीर उपाख्यान (1684) यद्यपि पहला जसनिया उपन्यास माना जाता है, पर इसमें उपन्यास के मूल तत्य नहीं मिलते। इसे तो नीतिकथा की कोटि में ही रखा जा सकता है। उन्नीसवीं शती के उत्तरार्द्ध में कलकत्ता पढ़ने गए कई असमिया छात्रों ने ही सही मायने में असमिया भाषा के उपन्यास की रचना की। आधुनिक असमिया साहित्य की विविध विधाओं में निपुण समझे जानेवाले इन मंद छात्रों के प्रयास से ही कई असमिया उपन्यासों की रचना हुई। रजनीकांतवर पद्मनाथ गोवा, तक्ष्मीनाथ बेजबरुआ आदि द्वारा लिखे
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | आदमी और जंगल | Adami Aur Jungle |
| Author | Umakant Sharma |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 360 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“जीवन की आधी असफलताओं का कारण व्यक्ति का अपने घोड़े के छ्लांग लगाते समय उसकी लगाम खींच लेना होता है।” चार्ल्स हेयर
“Half the failures of this world arise from pulling in one’s horse as he is leaping.” Augustus Hare
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