सरल वस्तु ज्ञान : पंडित अशोक दत्त शर्मा | Saral Vastu Gyan : By Pandit Ashok Sharma Hindi Book
पुस्तक के कुछ अंश : मानव जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताओं अन्न, वस्त्र और वास्तु में से वास्तु का अत्यंत महत्व है। पूरा दिन अन्न और वस्त्र की प्राप्ति के संघर्ष में जुटा मानव जब रात्रि में आराम का इच्छुक होता है तो उसे वास्तु (मकान, भवन) को आवश्यकता महसूस होती है। अन्न और वस्त्र से शेष बचे वन से मानद एक ऐसे वास्तु (भवन) का निर्माण करना चाहता है जिसमें धन-सम्पन्नता, सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और आरोग्य आदि का वास हो—इन सभी सुविधाओं की राह वास्तु विज्ञान से ही प्रशस्त होती है।
‘वास्तु’ शब्द की उत्पत्ति विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ ‘वेदों’ से हुई मानी जाती है। अथर्ववेद में वास्तु के विषय में विस्तारपूर्वक लिखा गया है। हजारों वर्ष पूर्व की मोहनजोदड़ो, हड़प्पा और प्राचीन मिस्र की सभ्यताओं से भी ‘वास्तु’ के महत्व और उसकी व्यवस्था का अनुमान सरलता से लगाया जा सकता है। वास्तु के इसी महत्त्व को ध्यान में रखकर और आपकी वास्तु-संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मैंने सतत अध्ययन से कड़े संघर्ष और अथक परिश्रम से यह सरल वास्तु विज्ञान तैयार की है।
प्रस्तुत पुस्तक में भवन निर्माण से पूर्व भूखंड के शुभाशुभ और वास्तु सम्मत परीक्षण, उस पर शुभ और स्वास्थ्यकारी निर्माण के लिए उपयुक्त दिशा निर्देश दिए गए हैं। जैसे पिशाच क्षेत्र में किया गया निर्माण अशुभ और ब्रह्म क्षेत्र में हुआ निर्माण सदैव रोगयुक्त होता है। छोटे-से-छोटे और बड़े-से-बड़े भूखंड को किस प्रकार वास्तु सम्मत ढंग से बनाया जाए कि उसके निर्माण के शुभ और सुफल गृह स्वामी को मिल सके इसे बड़े ही सहज और सरल शब्दों में प्रभावशाली ढंग से समझाया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में मैंने यथासंभव सरल शब्दों में आवासीय वास्तु के सिद्धान्तों, नियमों को समझाने की चेष्टा की है। ज्योतिष का छात्र हूँ, अतः वास्तु पर स्वाध्याय तथा आइत के अनुसार नए-नए प्रयोग अवश्य करता हूं जिन प्रयोगों का अनुभव अच्छा रहा, उन्हें पाठकों के साथ बांटना चाहता था। पुस्तक प्रकाशक श्री मनोज गुप्ता ने पूरा धैर्य दिखाया, इससे मुझे कई प्रकार की विघ्न-बाधाओं के बावजूद पुस्तक पूर्ण कर लेने का संबल मिला। जिन दिवंगत महात्माओं के कार्यों से मैंने मदद ली, उनको हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सरल वस्तु ज्ञान | Saral Vastu Gyan |
| Author | Pandit Ashok Sharma |
| Category | Vastu Shastra Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 196 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“आदर्शवादी व्यक्ति वह है जो यह जानने के बाद कि गुलाब की महक गोभी से बेहतर होती है, यह निष्कर्ष निकालता है कि उसका सूप भी गोभी की तुलना में अच्छा बनेगा।” – एच. मेन्केन
“An idealist is one who, on noticing that a rose smells better than a cabbage, concludes that it will also make a better soup.” – H. Mencken
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