बिसवीं सदी के 100 प्रसिद्द भारतीय : विश्वामित्र शर्मा | Biswi Sadi Ke 100 Prasiddha Bhartiya : By Vishwamitra Sharma Hindi Book
बिसवीं सदी के 100 प्रसिद्द भारतीय पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : बीसवीं सदी के चुने हुए 100 प्रसिद्ध भारतीयों का यह चित्रण मानो समूची शताब्दी का चलता-फिरता इतिहास ही हमारे सामने प्रस्तुत करता है।
सारी दुनिया के साथ-साथ भारत के लिए भी बीसवीं शताब्दी बहुत महत्त्वपूर्ण रही है। इसमें अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए हैं और होते ही चले जा रहे हैं ढाई सौ साल की अंग्रेजों की गुलामी को खत्म करके आज़ादी आई और अब देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने की जी तोड़ कोशिश करने में लगा है।
पिछले सौ वर्षों में हमारे देश में, राजनीति, शिक्षा, विज्ञान, व्यवसाय, साहित्य, कलाएँ, फिल्म, खेल-कूद आदि सभी क्षेत्रों में सेकड़ों ऐसे व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने भारत के विकास में जबदस्त योगदान किया और यश-अर्जित किया है। उन सैकड़ों व्यक्तियों में से चुने हुए सी भारतीयों का यह चित्रण बीसवीं सदी की संक्षिप्त कहानी है।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | बिसवीं सदी के 100 प्रसिद्द भारतीय | Biswi Sadi Ke 100 Prasiddha Bhartiya |
| Author | Vishwamitra Sharma |
| Category | History Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 200 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा न रखना।” – बेंजामिन फ्रैंकलिन
“Being ignorant is not so much a shame, as being unwilling to learn.” – Benjamin Franklin
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