भारत माता ग्रामवासिनी : कमलेश्वर | Bharat Mata Gramwasini : By Kamleshwar Hindi Book
भारत माता ग्रामवासिनी पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : हमारे समय के महत्त्वपूर्ण हिन्दी कथाकार एवं मीडिया-विशेषज्ञ कमलेश्वर के कलम से निकली एक अनूठी कृति है ‘भारतमाता ग्रामवासिनी’ । इसमें टी.वी. स्क्रीनप्ले के शिल्प में भारतीय कृषि सभ्यता के विकास की कहानी दृश्य-श्रव्य प्रभाव से साकार की गई है। पृथ्वी पर मानव जीवन के उद्भव काल से शुरू होकर हमारे आज के वर्तमान तक फैली इस महागाथा में इतिहास, पुरातत्व, विज्ञान, साहित्य एवं संस्कृति के अनेक गहरे रंग उभरे हैं।
पांच हज़ार साल के कालखंड में फैले अनेकानेक स्थल एवं युगनायक, जीवन के विविध रंग और कार्यकलाप, एक के बाद एक किसी फिल्म के दृश्यों की भांति इस पुस्तक के पृष्ठों पर पुनर्जीवित हो उठे हैं।
इतिहास और आख्यान, सिनेमा और रंगमंच के मिले-जुले आस्वाद वाली यह नाट्यकृति टी.वी.- सिनेमा के स्क्रीन प्ले में रूचि रखने वालों के लिए भी विशेष रूप से उपयोगी है।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | भारत माता ग्रामवासिनी | Bharat Mata Gramwasini |
| Author | Kamleshwar |
| Category | History Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 184 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अपने बच्चों को उनके किशोरवय के बच्चों को पालते हुए देखने से ज़्यादा संतोषप्रद बहुत कम चीज़ें होती हैं।” – डग लार्सन
“Few things are more satisfying than seeing your children have teenagers of their own.” – Doug Larson
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