चर्चित कहानियाँ : गंगाप्रसाद विमल | Charchit Kahaniya : By Gangaprasad Vimal Hindi Book
चर्चित कहानियाँ पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : अपनी कहानियों के बारे में जितने भी लोगों ने लिखा है उसे पढ़ते हुए लगा है कि यह लेखक जमकर झूठ बोलने के लिए कमर कस चुका है इसलिए कि जो कुछ कहना था वह तो कहानियों में कहा ही जा चुका है। फिर अतिरिक्त रूप में आपको कहने की जरूरत क्यों आ पड़ी है। अब इसके संभावित कारण खोजें तो पता चलेगा कि आपकी कहानियाँ इस कदर व्यक्तित्वहीन हैं कि आप उन्हें एक दर्जा दिलाने के लिए गप्प में फिर और कुछ कहकर उन्हें व्यक्तित्व की पोशाक पहनाना चाहते हैं या फिर कहानियों में जो कुछ आप कहना चाहते थे क्योंकि वह नहीं कहा जा सकता इसलिए फिर से कुछ जोड़ने की इच्छा भी एक संभावित कारण हो सकता है। कारणों की लंबी सूची है । मस्लन में सिलसिलेवार ऐसा लेखन करने वाले लेखकों के प्रति नतशिर होकर निवेदन के तौर पर पहली बात यही कहूँगा कि वे आलोचकों से भय खाकर अब खुद ही अपने बारे में लेखन करने के लिए मजबूर हुए हैं। आप शब्दों पर जरूर गौर करते रहें क्योंकि इस भूमिका में मैं आपको यह बताने से तो रहा कि मैं आखिर गह भूमिका क्यों लिख रहा हूँ। पर यह जरूर बताना चाहता हूँ कि जिन्होंने लिखा भी है उनकी मनोवृत्ति शुद्ध रचनात्मक नहीं है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | चर्चित कहानियाँ | Charchit Kahaniya |
| Author | Ganga Prasad Vimal |
| Category | Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 168 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“पाप से नफरत करें, पापी से प्यार।” ‐ महात्मा गान्धी (१८६९-१९४८)
“Hate the sin, love the sinner.” ‐ Mahatma Gandhi(1869-1948)
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