जन्नत और अन्य कहानियाँ : खुशवंत सिंह | Jannat Aur Anya kahaniya : By Khushwant Singh Hindi Book
जन्नत और अन्य कहानियाँ पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : मैं यहां जिस वजह से आई वह मेरी नीले रंग की चमड़े की जिल्द चढ़ी नोटबुक, मेरी डियर डायरी में आंशिक रूप से दर्ज है जिसमें हाई स्कूल और उसके बाद कॉलेज में गुजारे दो वर्षों के दौरान मैं अपनी दिन भर की गतिविधियां और विचार लिख लिया करती थी। फिर मुझे ये बचकाना लगने लगा, और वैसे भी वयस्क होने के बाद मैंने जो कुछ किया वह लिखने लायक था भी नहीं। वो पूरा दौर एक तरह से बर्बादी में ही गुजर गया। अब मैं तीस साल की हूं, अभी भी अविवाहित और अमेरिकी हूँ-कम से कम मेरा पासपोर्ट तो यही दर्शाता है। लेकिन हालात इतने बदल गए हैं कि मुझे अपनी डायरी की तरफ वापस आना ही पड़ा बर्बाद वर्षों को मैं पूरी तरह भुला चुकी हूं और अब मैं वहां हूं जहां मुझे अपने बचपन में होना चाहिए था भारत में।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | जन्नत और अन्य कहानियाँ | Jannat Aur Anya kahaniya |
| Author | Khushvant Singh |
| Category | Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 204 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अपने दिल में जो आपको सही लगे वही करें क्योंकि लोग तो वैसे भी आलोचना ही करेंगे।” एलेनोर रूसवेल्ट
“Do what you feel in your heart to be right – for you’ll be criticized anyway.” Eleanor Roosevelt
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