Yun Na Hota Toh Kya Hota : By Ravi Bule Hindi Book | यूं ना होता तो क्या होता : रवि बुले द्वारा हिंदी पुस्तक
यूं ना होता तो क्या होता पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : नर्मदा नदी के तट पर बसे जबलपुर (मध्यप्रदेश) में ५ सितम्बर, १९७१ को रवि बुले का जन्म हुआ। वहीं पढ़ाई की और लेखन की शुरुआत भी हिन्दी साहित्य और भाषा विज्ञान में स्नातकोत्तर बीते दो दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय और एक दशक से कुछ अधिक हुआ कहानियाँ लिखते हुए। कम लिखने के बावजूद पुख्ता पहचान बनाने में कामयाब उनकी कहानियाँ हिन्दी कहानी को आगे ले जाने की राह खोलती हैं। कथ्य और शिल्प दोनों ही मामलों में उनके पास किस्सागोई का रोचक अन्दाज़ है और विविध विषय। २००८ में रवि का पहला संग्रह आया था, आईने सपने और वसंतसेना जिसे पाठकों ने बहुत सराहा। इन दिनों रवि प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक अमर उजाला में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत हैं। यह उनका दूसरा कहानी संग्रह है। रवि का पहला उपन्यास तैयार है। पाठकों तक पहुँचने की अगली बारी उसी की है।
PAP
Grab more Hindi novel PDFs by clicking the link.
Start reading this Hindi story right away
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | यूं ना होता तो क्या होता | Yun Na Hota Toh Kya Hota |
| Category | Literature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 220 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अच्छा निर्णय अनुभव से प्राप्त होता है लेकिन दुर्भाग्यवश, अनुभव का जन्म अक्सर खराब निर्णयों से होता है।” ‐ रीटा माए ब्राउन
“Good judgment comes from experience and, unfortunately, experience often comes from bad judgment.” ‐ Rita Mae Brown
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












