Dhumavati Mantra PDF Book | धूमावती मंत्र पीडीएफ पुस्तक
Dhumavati Mantra PDF Book Description
धूमावती मंत्र का संछिप्त विवरण : इस श्री धूमावती मंत्र के ऋषि स्कन्द हैं, छंद पंक्ति है, देवता श्री धूमिनी हैं, बीज ‘धं’ है, कीलक ‘प्रणव’ (ॐ) है, शक्ति ‘स्वाहा’ है, और इसका विनियोग मेरे शत्रुओं के नाश हेतु किया जाता है। मूल मंत्र से षडंग न्यास करना चाहिए। इस प्रकार ध्यान करके मंत्र का जप करें: ॐ धू धू धू धूमावति स्वाहा। केवल एक लाख जप से सिद्धि प्राप्त हो जाती है। इसके बाद देवता का तर्पण करें, फिर दशांश हवन करें। उरिघूमे कुलघूमे अन्तर्धमे विश्वधूमे विश्वधूमे मम शत्रून गतिमति प्राणान् मारय मारय हूं फट् स्वाहा। इस मंत्र को ताम्रपत्र (तांबे की पट्टी) पर लिखकर आठ हजार बार जप करें और फिर शत्रु के घर में गाड़ दें। ऐसा करने से उस शत्रु का नाश हो जाता है
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | Dhumavati Mantra PDF Book | धूमावती मंत्र पीडीएफ पुस्तक |
| Category | Tantra Mantra Book in Hindi PDF Sadhana Book in Hindi PDF Shakti Book in Hindi PDF |
| Language | संस्कृत / Sanskrit |
| Pages | 3 |
| Quality | Good |
| Size | 367 KB |
| Download Status | Available |
“कोई शत्रु नहीं, बल्कि मनुष्य का मन ही है जो उसे पथभ्रष्ट करता है।” बुद्ध
“It is a man’s own mind, not his enemy or foe, that lures him to evil ways.” Buddha
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