कबीर के दोहे / Kabir ke Dohe
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | कबीर के दोहे / Kabir ke Dohe |
Author | Unknown |
Category | Uncategorized, धार्मिक / Religious, Kabir Ke Dohe |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 36 |
Quality | Good |
Size | 280 KB |
Download Status | Available |
कबीर के दोहे पुस्तक का कुछ अंश : भावार्थ – रानी को यह नीचा स्थान क्यों दिया गया, और पनिहारिन को इतना ऊँचा स्थान ? इसलिए कि रानी तो अपने राजा को रिझाने के लिए मांग सँवारती है, सिगार करती है और वह पनिहारिन नित्य उठकर अपने राम का सुमिरन…….
“जिंदगी का मेरा सूत्र बहुत ही सरल है। मैं सुबह जागता हूं तथा रात को सो जाता हूं। इसके बीच में मैं जितना हो सके स्वयं को व्यस्त रखता हूं।” – केरी ग्रांट
“My formula for living is quite simple. I get up in the morning and I go to bed at night. In between, I occupy myself as best I can.” -Cary Grant
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