श्री प्रेम रामायण / Shri Prem Ramayan
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | श्री प्रेम रामायण / Shri Prem Ramayan |
Author | Shri Ramharshan Das ji |
Category | धार्मिक / Religious, अध्यात्मिक / Spiritual, रामायण / Ramayan |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 773 |
Quality | Good |
Size | 115 MB |
Download Status | Available |
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श्री प्रेम रामायण पुस्तक का कुछ अंश : श्री सीताराम रसिक प्रेमियों के पोषण के लिये बहुत से रसवर्धक ग्रंथ संत समाज में उपलब्ध हैं फिर भी मैथिल सख्य रस का साहित्य न के बराबर ही है। यद्यपि इस रस के रसिक संत सदा से कुछ होते ही आये हैं । जैसे :- मामा प्रयागदास जी इत्यादि । तथापि रस मत्त उन रसिकों द्वारा कुछ न लिखा जाना स्वाभाविक था | जब तक मुख जल के ऊपर है, तभी तक बोलना आता है, जब अथाह जल में डूब गया तब वाणी का विकास नहीं बनता । अस्तु। मैथिल सखाओं का प्रेम श्री सीताराम जी से भगिनी भाम सम्बन्ध से संबंधित होकर किस स्थिति को प्राप्त हुआ, युगल मनोहर मधुमई मूर्तियों की परिचर्या उन्होंने किस विधि से की, श्री सोताराम जी की कृपा एवं प्रीति मैथिल सखाओं पर कहाँ तक कैसी रही; इत्यादि विषयों की जानकारी साहित्य द्वारा………
“अपनी खुशियों के प्रत्येक क्षण का आनन्द लें; ये वृद्धावस्था के लिए अच्छा सहारा साबित होते हैं।” ‐ क्रिस्टोफर मोर्ले
“Cherish all your happy moments: they make a fine cushion for old age.” ‐ Christopher Morley
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