स्फोट मीमांसा | Sphot Meemansa

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स्फोट मीमांसा पुस्तक का कुछ अंश : ब्रह्म के दो स्वरूप हैं-पर एवम् अपर। उसकी प्राप्ति की विद्याये भी दो मानी गई है। परा, अपरा | सम्पूर्ण वेद-बेदांग को अपरा विद्या कहा गया है | मुण्डकोपनिषद् में इस प्रकार उल्लेख है–ब्रह्मवादियों के कथनानुसार दो विद्यायें जाननी चाहिये–परा, अपरा | अपरा के अन्तगेत बेद, बेदांग आते हैं तथा परा विद्या वह है जिसके द्वारा उस अक्षर (पर) ब्रह्म की प्राप्ति होती है । छान्दोग्योपनिषद् में भी इसी प्रकार का उल्लेख हुआ है…………..
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | स्फोट मीमांसा | Sphot Meemansa |
| Author | Chandrabhanu Tripathi |
| Category | Uncategorized Hindi Books | अवर्गीकृत Literature Book in Hindi Social PDF Books In Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 283 |
| Quality | Good |
| Size | 12 MB |
| Download Status | Available |
“हम जब तक खुद मां बाप नहीं बन जाएं, मां बाप का प्यार कभी नहीं जान पाते।” हेनरी वार्ड बीचर, (१८१३-१८८७), अमरीकी पादरी
“We never know the love of a parent till we become parents ourselves.” Henry Ward Beecher, (1813-1887), American Clergyman
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