अकेली : राजेश भटनागर द्वारा हिंदी ऑडियोबुक | Akeli : by Rajesh Bhatnagar Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | अकेली / Akeli |
Author | Rajesh Bhatnagar |
Category | ऑडियोबुक्स / Audiobooks, कहानी / Story, Kahani |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 12:26 Min |
Source | archive.org |
Akeli : by Rajesh Bhatnagar Hindi Audiobook का कुछ अंश : आज स्कूल से आने के बाद न जाने क्यों उसे सूने मकान और बंद कमरे में घुटन हो रही थी| पापा रोजाना की तरह अपने-अपने काम पर गए हुए थे| उसने इस घुटन से उबरने के साथ ही बगल वाले बंगले का जायजा लेने की दृष्टि से बालकनी का दरवाजा खोल दिया| बालकनी में आकर ठंडी हवा के झोंकों से सराबोर होकर उसने कुछ चैन महसूस किया, तभी उसकी नजर अचानक उसके घर तक पहले बगल वाले बंगले में एक बूढ़ी औरत पर पड़ गई| उसे इतने दिनों में पहली बार उस सूने बंगले में किसी को देखा था सफेद साड़ी में लिपटी रुई की तरह सफेद उलझे बालों में वो नंगे पैर ही बंगले के बड़े बगीचे में अमरुद बीनती बीनती उसके मकान तक आ पहुंची थी….
“मेरे विचार से जो व्यक्ति जिंदा रहने अर्थात पैसे के लिए किसी कार्य को करता है, वह स्वयं को गुलाम बना लेता है।” ‐ जोसेफ कैम्पबैल
“I think the person who takes a job in order to live that is to say, for the money has turned himself into a slave.” ‐ Joseph Campbell
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