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द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर : बेंजामिन ग्राहम द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | The Intelligent Investor : by Benjamin Graham Hindi Audiobook

द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर : बेंजामिन ग्राहम द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | The Intelligent Investor : by Benjamin Graham Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details
AudioBook Name द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर / The Intelligent Investor
Author
Category, , ,
Language
Duration 5:41 hrs
Source Youtube

The Intelligent Investor : by Benjamin Graham Hindi PDF Book यहाँ देखें

The Intelligent Investor Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : इस पुस्तक का उद्देश्य आम आदमी के अनुकूल वह मार्गदर्शन देना है, जिसे निवेश नीति के लिए अपनाया और लागू किया जा सके। यहाँ तुलनात्मक रूप से प्रतिभूतियों के विश्लेषण की तकनीक के बारे में कम बताया जाएगा और पूरा ध्यान मुख्य रूप से Investment Principles और Investor Trend पर दिया जाएगा, हालाँकि हम कुछ विशिष्ट प्रतिभूतियों के बीच सारपूर्ण तुलनाएँ भी प्रदान करेंगे- जो मुख्य रूप से न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज सूची में साथ-साथ दर्शाई जाती हैं, जिससे साधारण शेयरों के विशिष्ट विकल्पों में शामिल अहम तत्वों को ठोस ढंग से समझाया जा सका। लेकिन इसमें ज़्यादातर जगह Financial Market के ऐतिहासिक पैटर्न को दी गई है, जो कुछ मामलों में कई दशक पीछे तक जाता है। प्रतिभूतियों में बुद्धिमानी से निवेश करने के लिए व्यक्ति को पहले ही इतनी पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए कि विभिन्न परिस्थितियों में भिन्न-भिन्न क्रिस्म के बांड्स और स्टॉक वास्तव में कैसा व्यवहार करते हैं, जिनमें कुछ या कम से कम एक का सामना तो व्यक्ति अपने अनुभव में करेगा ही। सैंटियाना का यह प्रसिद्ध कथन कि “जिन्हें अपना अतीत याद नहीं रहता, वे इसे दोहराने को अभिशप्त होते हैं”, वॉल स्ट्रीट पर किसी भी अन्य व्यक्ति से कहीं ज़्यादा सटीक और बेहतर ढंग से लागू होता है। हमारी पुस्तक निवेशकों को संबोधित है, जो स्पेक्युलेटर से भिन्न होते हैं, और हमारा पहला काम अब इसी भूले-बिसरे अंतर को स्पष्ट करना और उस पर ज़ोर देना है। हम आरंभ में ही कहते हैं कि यह ‘धनवान कैसे बनें’ बताने वाली पुस्तक नहीं है। वॉल स्ट्रीट या कहीं भी धनवान बनने को कोई सुनिश्चित या आसान रास्ता नहीं है। हमने अभी जो कहा है, उसे समझाने के लिए थोड़े वित्तीय इतिहास की बात करते हैं – ख़ासकर तब, जब इससे एक से अधिक सबक़ सीखे जा सकते हों। 1929 में चरम उत्कर्ष के काल में जॉन जे. रस्कोब वॉल स्ट्रीट के साथ ही साथ देश में भी सबसे अहम शख़्सियत थे। उन्होंने लेडीज़ होम जर्नलमें Capitalism के आशीर्वाद का गुणगान करने वाला लेख लिखा था, जिसका शीर्षक था – ‘एवरीवन ऑट टु बी रिच’।’ उनका शोध था कि प्रति माह केवल 5 डॉलर बचाकर इन्हें अच्छे साधारण शेयर में निवेश करने – और लाभांश को पुनः निवेश करने से बीस वर्षों में 80,000 डॉलर की बड़ी रक़म बनाई जा सकती है, जिसमें आपका कुल योगदान केवल 3,600 डॉलर ही होगा। यदि जरनल मोटर्स के इस दिग्गज की बात सही है, तो निश्चित ही यह धनवान बनने का आसान रास्ता है। वे किस हद तक सही थे? हमारा मोटा अनुमान – जो डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज़ (डीजेआईए) के 30 स्टॉक्स में अनुमानित निवेश पर आधारित है – संकेत देता है कि यदि 1929- 1948 के दौरान रस्कोब का नुस्खा माना जाता, तो 1949 की शुरुआत में निवेशक की होल्डिंग की क़ीमत लगभग 8,500 डॉलर होती। यह इस महान व्यक्ति के 80,000 डॉलर के वादे से बहुत दूर है, साथ ही यह इसे भी दर्शाता है कि ऐसी आशावादी भविष्यवाणियों और आश्वासनों को कितनी कम अहमियत देनी चाहिए, लेकिन एक तरफ़, हम यह भी कहना चाहेंगे कि 20-वर्ष के परिचालन से वास्तव में प्राप्त रिटर्न दरअसल 8% वार्षिक चक्रवृद्धि से बेहतर रही होगी और इस तथ्य के बावजूद कि निवेशक ने अपनी शुरुआत डीजेआईए पर 300 से की होगी और 1948 में अंत के वक़्त उसका मूल्यांकन आधारित बंद स्तर 177 रहा होगा। इस रिकॉर्ड को मज़बूत साधारण शेयरों के उतार-चढ़ावों के बीच नियमित मासिक ख़रीद की प्रेरक बहस के संदर्भ के तौर पर लिया गया है, जिस प्रोग्राम को ‘डॉलर-कॉस्ट एवरेज़िंग’ के नाम से जाना जाता है। क्योंकि हमारी पुस्तक स्पेक्युलेटर्स को संबोधित नहीं है, इसलिए यह उनके लिए नहीं है, जो बाज़ार में ट्रेड करते हैं। इनमें से ज़्यादातर लोग ख़रीदने और बेचने के सही क्षण की पहचान के लिए चार्टो या अन्य बड़े यंत्रों से मार्गदर्शन लेते हैं। एक सिद्धांत जो लगभग इन सभी तथाकथित “तकनीकी पद्धतियों’ पर लागू होता है, वह यह कि व्यक्ति को तब ख़रीदना चाहिए, क्योंकि कोई स्टॉक या बाज़ार चढ़ रहा है और व्यक्ति को तब बेचना चाहिए, क्योंकि वे गिर रहे हैं। यह हर किसी ठोस कारोबारी समझ के ठीक उलट बात है, और यही कारण है कि वॉल स्ट्रीट में स्थिर सफलता नहीं मिल पाती। शेयर बाज़ार के हमारे अपने अनुभव और अवलोकन से, जो 50 वर्ष से भी अधिक का है, हम ऐसे एक भी व्यक्ति को नहीं जानते, जिसने इस तरह ‘बाज़ार का अनुसरण’ करके सतत व स्थिर धन कमाया हो। हमें यह घोषणा करने में कोई झिझक नहीं कि यह पद्धति जितनी प्रसिद्ध है, उतनी ही मिथ्या भी है।
क्‍या आप Intelligent Investor हैं?
अब एक अहम सवाल का जवाब दें। यहाँ ग्राहम का ‘इंटेलिजेंट’ इन्वेस्टर से क्या मतलब है? इस पुस्तक के पहले संस्करण में ग्राहम ने इसे परिभाषित किया है और उन्होंने साफ़ कर दिया है कि इस तरह की इंटेलिजेंस (बुद्धिमानी) का आईक्यू या एसएटी से कोई संबंध नहीं है। इसका मतलब बस थैर्य, अनुशासन तथा सीखने की ललक से है। आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने तथा ख़ुद सोचने में भी सक्षम होना होगा। इस तरह की बुद्धिमत्ता की व्याख्या ग्राहम ने इस तरह की है कि “यह दिमाग से ज़्यादा व्यक्तित्व की विशेषता है।” यह साबित हो चुका है कि अधिक आईक्यू और उच्च शिक्षा निवेशक को बुद्धिमान बनाने के लिए काफ़ी नहीं हैं। 1998 में, हेज फ़ंड, लांग-टर्म कैपिटल मैनेजमेंट एलपी को गणितज्ञों, कंप्यूटर वैज्ञानिकों और दो नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्रियों की बटालियन चलाती थी। उन्होंने कुछ ही हफ़्तों में बांड बाज़ार के वापस ‘सामान्य’ हो जाने के बड़े दाँव में 2 बिलियन डॉलर गँवा दिए, लेकिन बांड बाज़ार लगातार ज़्यादा से ज़्यादा असामान्य होता गया – और एलटीसीएम ने इतना अधिक धन उधार ले लिया कि इसके सिमलने से वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को भी उलट-पलट दिया ? बहुत पहले 1720 के वसंत में, सर आइजैक न्यूटन ने साउथ सी कंपनी के शेयर ख़रीदे, जो.) इंग्लैंड में सबसे लोकप्रिय शेयर थे। बाज़ार के हाथ से बाहर निकलने का आभास होने पर इस महान भौतिक विज्ञानी के कहा कि “वे बाहरी ग्रहों की गति की तो गणना कर सकते हैं, लेकिन लोगों के पागलपन की नहीं।” न्यूटन ने अपने साउथ सी के शेयर 100% मुनाफ़े पर £7,000 में बेच दिए, लेकिन कुछ ही महीनों बाद, बाज़ार में आए उछाल से अभिभूत होकर, न्यूटन ने पुनः इन्हें अधिक क़ीमत पर ख़रीद लिया और उन्हें 20,000 (आज के 3 मिलियन डॉलर) का नुक़सान हुआ। बाक़ी की सारी ज़िंदगी उन्होंने किसी को भी उनके सामने साउथ सी का नाम भी लेने से मना कर दिया।
जहाँ तक हम बुद्धिमानी की बात करें, तो सर आइजैक न्यूटन अब तक हुए सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक थे, फिर भी ग्राहम के हिसाब से न्यूटन इंटेलिजेंट इन्वेस्टर होने से कोसों दूर थे। भीड़ की गर्जना का असर उन्होंने अपने फ़ैसले पर पड़ने दिया। ऐसा करके दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक मूर्खों जैसा काम कर बैठे। संक्षेप में कहें तो, अगर आप अब तक निवेश में विफल रहे हैं, तो इसलिए नहीं कि आपबेवकृफ हैं, बल्कि इसलिए कि आप भी सर आइजैक न्यूटन की तरह वैसा भावनात्मक अनुशासन विकसित नहीं कर पाए हैं, जैसा निवेश में सफलता के लिए होना चाहिए। अध्याय 8 में ग्राहम बताते हैं कि किस तरह आप अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखते हुए और बाज़ार के स्तर की तर्कहीनता के अधीन होने से इनकार करते हुए अपनी बुद्धिमानी बढ़ा सकते हैं। यहाँ आप इस सबक़ में माहिर हो जाएँगे कि इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बनने के लिए दिमाग’ से ज़्यादा ‘व्यक्तित्व’ महत्त्व रखता है

“हर बार जब हम कोई नया काम शुरू करते हैं, तब हम अपने आप से वही सवाल करते हैं – हम अलग और बेहतर क्या कर सकते हैं?” रिकार्डो गौडालुपे
“Every time we start a new project, we always ask ourselves the same question – What can we do better and different?” Ricardo Guadalupe

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