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मेन आर फ्रॉम मार्स, विमेन आर फ्रॉम वीनस : जॉन ग्रे द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Men Are from Mars, Women Are from Venus : by John Gray Hindi Audiobook

मेन आर फ्रॉम मार्स, विमेन आर फ्रॉम वीनस : जॉन ग्रे द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Men Are from Mars, Women Are from Venus : by John Gray Hindi Audiobook
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Men Are from Mars, Women Are from Venus Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पुस्तक में आपको हर जगह वैवाहिक समस्याओं को सुलझाने के प्रैक्टिकल तरीक़े मिलेंगे । विवाह में समस्याएँ तो रहेंगी, क्योंकि पुरुष मंगल ग्रह से आए हैं और महिलाएँ शुक्र ग्रह से आई हैं | परंतु अगर आप अपने बीच के अंतर को समझ लें तो आपकी आधी समस्याएँ तो अपने आप ही दूर हो जाएँगी । इस पुस्तक के बारे में इकलौती आलोचना यही हुई, “काश आपने हमें यह पहले बताया होता !” इस पुस्तक को लिखने का मेरा उद्देश्य यही है कि आपका विवाह सुखमय हो, शांतिपूर्ण हो । यह ज़रूरी है कि सुखी विवाहों की संख्या बढ़े और तलाक़ों की संख्या घटे – क्योंकि हमारे बच्चे बेहतर दुनिया में जीने योग्य हैं ।

पुरुष मंगल गृह से आए हैं, महिलाएँ शुक्र गृह से आई हैं

कल्पना कीजिए कि पुरुष मंगल ग्रह से आए हैं और महिलाएँ शुक्र ग्रह से । बहुत पहले की बात है । एक दिन मंगल ग्रह के पुरुष अपनी दूरबीन से अंतरिक्ष में देख रहे थे । तभी उन्हें शुक्र ग्रह पर महिलाएँ दिखीं । सिर्फ़ उनकी एक झलक ने ही मंगल ग्रह के पुरुषों को मोहित कर दिया । उन्हें पहली नज़र में ही शुक्र ग्रह की महिलाओं से प्यार हो गया और वे तत्काल अंतरिक्ष यान बनाकर शुक्र ग्रह की तरफ़ चल पड़े । शुक्र ग्रह की महिलाओं ने मंगल ग्रह के पुरुषों का बाँहें फलाकर स्वागत किया । वे सहज अनुभूति से जानती थीं कि ऐसा दिन आएगा जब मंगल ग्रह के पुरुष उनके ग्रह पर आएँगे । उनके दिल में ऐसा प्रेम उमड़ रहा था जो उन्हें इससे पहले कभी महसूस
नहीं हुआ था। मंगल ग्रह के पुरुषों और शुक्र ग्रह की महिलाओं का प्रेम जादुई था । उन्हें साथ रहने में आनंद आता था, साथ-साथ काम करना अच्छा लगता था और एक-दूसरे से बातें करते हुए वे कभी नहीं थकते थे । हालाँकि वे अलग-अलग ग्रहों के थे, परंतु आपसी भिन्नताओं के कारण उनका आनंद और भी बढ़ गया था । उन्होंने एक-दूसरे को जानने, सीखने और समझने में महीनों लगा दिए ताकि वे एक-दूसरे की ज़रूरतें, रुचियाँ, व्यवहार के तरीके समझ सकें । सालों तक वे प्रेम और सौहार्द्र के माहौल में रहे । फिर एक दिन उन्होंने धरती पर जाकर रहने का फ़ैसला किया । यहाँ उन्हें शुरुआत में तो हर चीज़ बहुत अद्भूत और सुंदर लगी । परंतु धरती के माहौल ने अपना असर दिखाया और एक सुबह जब वे जागे तो उनकी याददाश्त जा चुकी थी । वे भूल गए कि वे-अलग-अलग ग्रहों से आए थे और वे यह भी भूल गए कि अलग-अगल ग्रहों से आने के कारण उनमें भिन्नताएँ होना स्वाभाविक था । वे अपनी भिन्नताओं के बारे में
भूल गए | उसी दिन से पुरुष और महिला आपस में लड़ने लगे ।

किताबें बताती हैं कि पुरुषों और महिलाओं के बीच का अंतर मौलिक रूप से उनके बीच का मनोवैज्ञानिक अंतर है। लेखक इस रूपक का उपयोग करता है कि पुरुष और महिलाएं क्रमशः मंगल और शुक्र के दूर के ग्रहों से हैं और इस प्रकार वे अपने प्रत्येक ग्रह के समाज, उनके व्यक्तिगत नियमों और रीति-रिवाजों से संचालित होते हैं और दूसरे द्वारा निर्देशित नहीं होते हैं। पुस्तक बताती है कि कैसे प्रत्येक लिंग अपने संबंधों में लेन-देन की निगरानी करता है। महिलाएं पॉइंट सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं जबकि पुरुषों के पास दूसरे तरीके हैं। लिंग तनाव की स्थितियों से कैसे निपटते हैं, यह अलग तरह से दिया गया है। पुस्तक इस बात से भी संबंधित है कि कैसे दो लिंगों की प्रतिक्रिया और गति के अपने प्राकृतिक और सहज तरीके हैं, जो परिस्थितियों के कारण असंतुलित होने पर उनके बीच संबंधों में पूरी तरह से असंगति ला सकते हैं। पुस्तक दो लिंगों के मानव स्वभाव का एक सुंदर वर्णन है और उनके बीच संबंधों को सफल बनाने के लिए क्या आवश्यक है। यह पुस्तक मेन आर फ्रॉम मार्स, वीमेन आर फ्रॉम वीनस, वर्ष 2003 में मंजुल प्रकाशन द्वारा हिंदी भाषा में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक पेपरबैक में उपलब्ध है।
प्रमुख विशेषताऐं
”पुस्तक पुरुषों और महिलाओं के स्वभाव और उनके संबंधों के बारे में है।”

पुस्तक का विवरण / Book Details
AudioBook Name मेन आर फ्रॉम मार्स, विमेन आर फ्रॉम वीनस / Men Are from Mars, Women Are from Venus
Author
CategoryHindi Audiobooks
Language
Duration 33:08 mins
Source Youtube
“दूसरे क्या कर रहे हैं उसकी परवाह न करें; अपने आप से बेहतर करें, दिनोंदिन अपने ही रेकॉर्ड को तोड़े, और आप कामयाबी हासिल कर लेंगे।” विलियम बॉट्कर
“Never mind what others do; do better than yourself, beat your own record from day to day, and you are a success.” William Boetcker

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