नाम में क्या रखा है : विलियम शेक्सपियर द्वारा हिंदी ऑडियोबुक | Naam Me Kya Rakha Hai : by William Shakespeare Hindi Audiobook
Naam Me Kya Rakha Hai Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : विलियम शेक्सपियर एक प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि, नाटककार और अभिनेता थे जिनका जन्म 1564 में स्ट्रैटफ़ोर्ड-ऑन-एवन में हुआ था। उनका जन्मदिन सबसे अधिक 23 अप्रैल को मनाया जाता है (देखें कि शेक्सपियर का जन्म कब हुआ था), जिसे 1616 में उनकी मृत्यु की तारीख भी माना जाता है। शेक्सपियर ब्रिटिश थियेटर के अलिज़बेटन और जैकबियन युगों (कभी-कभी अंग्रेजी पुनर्जागरण या प्रारंभिक आधुनिक काल कहा जाता है) के दौरान एक विपुल लेखक थे। शेक्सपियर के नाटक शायद उनकी सबसे स्थायी विरासत हैं, लेकिन वे सभी उनके द्वारा लिखे गए नहीं हैं। शेक्सपियर की कविताएँ आज भी लोकप्रिय हैं। शेक्सपीयर की एक मशहूर लाइन है-नाम में क्या रखा है? जूलियट नेरोमियो से कहा, यह जो तुम अपनेनाम के साथ अपना कुलनाम (सरनेम)मोंटेग लिखते हो, यह निरर्थक है। तुमरोमियो हो, जिससे मैं प्रेम करती हूँ।तुम्हारे कुल का नाम क्या है या तुम्हेंमिस्टर मोंटेग के नाम से पुकारा जाताया नहीं, ये सब सतही बातें हैं। गुलाबको गुलाब कहा जाए या उसे किसी औरनाम से पुकारा जाए, जब तक उसमेंअपनी खुशबू है, नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता……….
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| AudioBook Name | नाम में क्या रखा है / Naam Me Kya Rakha Hai |
| Author | William Shakespeare |
| Category | Hindi Audiobooks Quotation Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Duration | 1:37:54 hrs |
| Source | Youtube |
“परस्पर आदान-प्रदान के बिना समाज में जीवन का निर्वाह संभव नहीं है।” ‐ सेमुअल जॉन्सन
“Life cannot subsist in a society but by reciprocal concessions.” ‐ Samuel Johnson
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