सफलतम सेल्समेन : सुरेश मोहन सेमवाल द्वारा हिंदी ऑडियोबुक | Safaltam Salesman : by Suresh Mohan Semwal Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | सफलतम सेल्समेन / Safaltam Salesman |
Author | Suresh Mohan Semwal |
Category | हिंदी ऑडियोबुक्स / Hindi Audiobooks, व्यवसाय / Business |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 1:56:56 hrs |
Source | Youtube |
Safaltam Salesman Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : मैं अपनी बात की शुरुआत आपसे एक साधारण प्रश्न पूछकर करना चाहता हूँ। दुनिया में सबसे पुराना व्यवसाय क्या है? यदि आपका उत्तर सेलिंग’ या माल बैचने को छोड़कर: ‘कोई दूसरा है तो मेर दोस्त, आप सही मार्ग पर नहीं हैं। आपने अकसर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि यह व्यक्ति जन्मजात माल विक्रेता (सेल्स पर्सन) है। ‘सेलिंग’ के लिए कुछ स्वाभाविक गुणों की जरूरत होती है, जो सभी में मिलने मुश्किल हैं। ऐसे विचारों के बारे में आपकी क्या धारणा है ? मैरी राय में तो ‘सेलिंग’ को लेकर सबसे ज्यादा भ्रामक विचार हैं। मैं इतना तो मानता हूँ कि हर व्यक्ति हर काम नहीं कर सकता; उसका कारण यह नहीं कि उसमें स्वाभाविक गुणों की (और विशेषकर सेलिंग के विषय में) कमी है। इसका वास्तविक कारण यह है कि सभी लोगों ने वह दक्षता तथा स्वाभाविक गुण हासिल नहीं किए हैं, जिनकी जरूरत हर क्षेत्र में पड़ती है। दूसरा कारण यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को उन परिस्थितियों तथा पठन-पाठन अध्ययन का मौका नहीं मिला, इसलिए वह हर काम को करने में सहज नहीं हो पाता। यह सिद्धांत हर क्षेत्र में, प्रत्येक पेशे और व्यवसाय पर लागू होता है और ‘सेलिंग’ पर खास तौर पर लागू होता है। कोई भी व्यक्ति जन्मजात माल विक्रेता नहीं होता। हम ‘सेल’ करना सीखते हैं, प्रयास करते हैं। ‘सेलिंग’ अपने आप में विज्ञान है और एक कला भी है। यह विद्या सीखकर हासिल की जा सकती है। मेरी नजर में यह एक ‘कलात्मक प्रक्रिया’ है। मैंने इस पुस्तक में बहुत सी कहानियों एवं घटनाओं का प्रयोग किया है, जो मैंने कहीं किसी से सुनी या कहीं पढ़ी हैं। पूरी पुस्तक में जो कुछ आपने पढ़ा, वह किसी ने कहीं लिखा या कहा ही होगा। इसलिए, मैं यह दावा नहीं करता कि ये विचार मेरे हैं या मैंने इनका आविष्कार किया है। मैं उन तमाम चिंतकों, लेखकों, वक्ताओं को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने अपनी पुस्तकों, सेमिनारों तथा सी.डी. के माध्यम से अपना विवेक साझा करने का मुझे अवसर दिया, जिसकी सहायता से मैं यह पुस्तक आपके लिए पूरी कर ‘सका। यदि कोई भी पंक्ति या वक्तव्य के नीचे मेरा नाम है और वास्तव में यह उक्ति उनकी है तो पूरे विनय से अपनी भूल में सुधार करना चाहूँगा। विश्वास कीजिए, यदि ऐसा हुआ है तो अनजाने में ही हुआ है। यह पुस्तक मैंने लिखी नहीं है, बल्कि संकलन किया है। योगदान के लिए धन्यवाद बहुत ही सूक्ष्म अभिव्यक्ति है। मैं उन अनेक व्यक्तियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिनके सहयोग से यह पुस्तक पूरी हो पाई है। उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए ‘धन्यवाद’ शब्द कम पड़ जाता है। इससे पहले कि मैं लोगों को धन्यवाद दूँ, मैं शुरुआत ईश्वर से करना चाहता हैँ। ईश्वर, आपका धन्यवाद। आपने मुझे सबकुछ दिया, जो मेरे पास है। मैंने यह देखा है कि आपने हमेशा मुझे पात्रता से अधिक ही दिया है। आपने हमेशा मुझ पर दया-दृष्टि रखी है। आपके प्रताप से ही मेरा जन्म एक ऊँचे दरजे के सुशिक्षित, सांस्कृतिक, छल-रहित धार्मिक परिवार में हुआ। मेरे परिवार ने मुझे जीवन के आधारभूत मूल्य दिए, जिनकी प्रेरण से मैं कठिन परिश्रम करके एक सम्मानित जीवन पा सका हूँ। ईश्वर, आपने मुझे सदा अच्छे, गुणी, दयालु, पुरुषार्थी एवं सहायता करनेवाले लोगों के बीच रखा है, जिनका परिचय मैं नीचे दे रहा हूँ। आपने गलती होने पर सदा मेरी सहायता की है। मैं जानता हूँ कि आपका आशीर्वाद सदा मेरे साथ है और यही मुझमें उत्सुकता से आगे बढ़ने का साहस, विश्वास, भरोसा देता है। आपका हृदय से आभार……..
“गुणवत्ता प्रचुरता से अधिक महत्त्वपूर्ण है। एक छक्का दो-दो रन बनाने से कहीं बेहतर है।” स्टीव जॉब्स
“Quality is more important than quantity. One home run is better than two doubles.” Steve Jobs
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