हू मूव्ड माय चीज : डॉ. स्पेंसर जॉनसन द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Who Moved My Cheese : by Dr. Spenser Johnson Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | हू मूव्ड माय चीज / Who Moved My Cheese |
Author | Dr. Spenser Johnson |
Category | Audiobooks, प्रेरक / Motivational |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 49:05 mins |
Source | Youtube |
Declutter Your Mind Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : मेरा चीज़ किसने हटाया ? की “कहानी के पीछे की कहानी’ बताने में मैं रोमांच का अनुभव कर रहा हूँ । इसलिये क्योंकि यह पुस्तक अब लिखी जा चुकी है और यह हम सबके पढ़ने, खुश होने और एक दूसरे के साथ बाँटने के लिये तैयार है । इसका इंतज़ार मैं तब से कर रहा था जब मैंने पहली बार स्पेंसर जॉनसन के मुँह से चीज़ की क्रांतिकारी कहानी सुनी थी । यह बरसों पहले की बात है । जब हमने इकट्ठे ‘द वन मिनट मैनेजर” लिखी थी, उससे भी पहले की । मुझे याद है उसी वक्त मेरे दिल में यह खयाल आया था कि यह कहानी कितनी बढ़िया है और आगे चल कर यह मेरे कितने काम आयेगी । मेरा चीज़ किसने हटाया परिवर्तन की कहानी है । यह परिवर्तन एक भूलभुलैया में घटित होता है जहाँ चार मज़ेदार पात्र चीज़ की खोज कर रहे हैं । चीज़ उस वस्तु का प्रतीक है जिसे हम जीवन में हासिल करना चाहते हैं: चाहे वह नौकरी हो, प्यार हो, दौलत, बड़ा घर, आज़ादी, स्वास्थ्य, मान-सम्मान, आध्यात्मिक शांति या जॉरगिंग या गोल्फ की तरह की कोई दूसरी वस्तु हो। हमारा चीज़ क्या है इस बारे में हममें से हर एक का अपना विचार होता है । हम चीज़ का पीछा इसलिये करते हैं क्योंकि हमें यह भरोसा होता है कि इसे हासिल करने के बाद हम सुखी हो जायेंगे । अगर हम चीज़को हासिल कर लेते हैं तो हमें इसकी आदत पड़ जाती है। इसीलिये जब हम इसे खो देते हैं या यह हमसे दूर हो जाता है तो हमें बहुत दुख होता है । कहानी में भूलभुलैया उस जगह का प्रतीक है जहाँ आप अपनी मनचाही वस्तु की तलाश करते हैं । यह वह ऑफिस हो सकता है जिसमें आप काम करे हैं, वह समाज जिसमें आप रहते हैं या वह संबंध जो आपने बनाये हैं ।
कहानी में भूलभुलैया उस जगह का प्रतीक है जहाँ आप अपनी मनचाही वस्तु की तलाश करते हैं । यह वह ऑफिस हो सकता है जिसमें आप काम करते हैं, वह समाज जिसमें आप रहते हैं या वह संबंध जो आपने बनाये हैं । मैं आपको बता दूँ कि जो ‘चीज़-कथा आप पढ़ने जा रहे हैं, सारी दुनिया में अपने भाषणों में मैं इसका ज़िक्र करता रहता हूँ और बाद में अक्सर लोग मुझे यह बताते हैं कि इससे उनकी ज़िंदगी में कितना बड़ा बदलाव आया । आप मानें या न मानें, इस छोटी सी कहानी ने कई नौकरियां, शादियां और जिंदगियां बचायी हैं।
“मैं अपने जीवन को एक पेशा नहीं मानता। मैं कर्म में विश्वास रखता हूं। मैं परिस्थितियों से शिक्षा लेता हूं। यह पेशा या नौकरी नहीं है – यह तो जीवन का सार है। ” – स्टीव जॉब्स, संस्थापक, एप्पल
“I don’t think of my life as a career. I do stuff. I respond to stuff. That’s not a career — it’s a life!” – Steve Jobs, Founder, Apple
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