कैसा था वह मन : निशि श्रीवास्तव | Kaisa Tha Vah Maan : By Nishi Srivastav Hindi Book
कैसा था वह मन पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : आदि से अंत तक शब्दों की प्रचुरता बनी रही, मगर अब जब उपन्यास पूर्ण हो गया है तो पर्याप्त शब्द नहीं जुट रहे हैं, कुछ लिखकर कह पाने को, सिवाय इसके कि पति का विश्वसनीय साथ ही जिंदगी का सबसे बड़ा सच बन गया है।” जिस दिन यह उपन्यास पूरा हुआ, अचानक लगा कि “ अपने दोनों बच्चों के सान्निध्य में गुजरते समय के भागते हुए पल। काश, कुछ आहिस्ता चलते होते?”. अंत में, अत्यंत आभारी हूँ श्री संजय कुमार की, जिनके प्रयास, सहयोग और परिश्रम के फलस्वरूप यह उपन्यास प्रकाशित हुआ।
साथ ही कृलडर हूँ और सभी आत्मीय और गैर- आत्मीय परिचितगण की, जिनकी स्मृति इस उपन्यास को लिखते समय आती रही, जाती रही।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | कैसा था वह मन | Kaisa Tha Vah Maan |
| Author | निशि श्रीवास्तव / Nishi Srivastav |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 176 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“आपके आसपास के लोगों में से कोई भी जब आपके मानदंडों पर खरा न उतरे तो मान लीजिए कि अपने मानदंडों को फिर से परख लेने का समय आ गया है।” ‐ बिल लेमली
“When nobody around you seems to measure up, it’s time to check your yardstick.” ‐ Bill Lemley
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