Pramod : By Chitra Singh Hindi Book | प्रमोद : चित्रा सिंह द्वारा हिंदी पुस्तक
प्रमोद पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : लाई का महीना था और लखनऊ की उमस भरी गर्मी।
जुला एक मिली जुली सी मनः स्थिति। उसी बीच पिताजी की पोस्टिंग सिंगापुर हो गई थी। अम्मा और छोटे भाई को लेकर वे वहां जा रहे थे। दिल्ली की बसी
बसाई गृहस्थी का मोह छोड़ने को अम्मा का मन यूं ही तैयार नहीं हुआ। उनकी इच्छा थी कि भइया और मैं हॉस्टल छोड़कर एक किराए के घर में रहें ताकि सामान इधर-उधर न हो जाए। सामान का तो बहाना भर था नियति भविष्य की व्यवस्था का ताना-बाना बुन रही थी। खुशी थी हॉस्टल छोड़कर हम घर में रहेंगे, दुःख था कि परिवार दूर जा रहा था।
पिताजी चाहते थे कि हम दोनों बच्चों को यहां अकेलापन न लगे व अभिभावकों की कमी न महसूस हो इसलिए पिताजी ने सभी परिचितों को घर बुलाकर सत्यनारायण की कथा के बाद दोपहर के भोजन पर हमारा परिचय कराने का कार्यक्रम बना लिया। सभी को आमंत्रित किया गया। सुबह तैयारी की भागम-भाग रही। माहौल काफी अच्छा था, काफी लोग आ गए थे। कथा सम्पन्न हुई, बाद में भोजन हुआ।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | प्रमोद | Pramod |
| Author | Chitra Singh |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 272 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“एक सफल व्यक्ति वह है जो दूसरों द्वारा अपने ऊपर फेंकी गई ईंटों से एक मजबूत नींव बना सके।” – डेविड ब्रिंकले
“A successful man is one who can lay a firm foundation with the bricks others have thrown at him.” – David Brinkley
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