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1000 रामायण प्रश्नोत्तरी : राजेंद्र प्रताप सिंह द्वारा हिंदी पुस्तक | 1000 Ramayan Prashanotari : By Rajendra Pratap Singh Hindi Book

1000 रामायण प्रश्नोत्तरी : राजेंद्र प्रताप सिंह द्वारा हिंदी पुस्तक | 1000 Ramayan Prashanotari : By Rajendra Pratap Singh Hindi Book
पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name 1000 रामायण प्रश्नोत्तरी | 1000 Ramayan Prashanotari
Author
Category,
Language
Pages 164
Quality Good
Download Status Not for Download

1000 रामायण प्रश्नोत्तरी पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : रामायण भारतीय एवं हिंदू वाङ्मय का सर्वाधिक पूज्य एवं समादृत ग्रंथ है। रामचरित की पावन गंगा सदियों से हिंदू समाज मानस में कल-कल प्रवाहित होती आई है। संसार के किसी भी भाग में रहनेवाले हिंदू रामायण-रामचरित- के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा एवं भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं। रामायण से संबंधित कथाओं उपकथाओं की चर्चा सर्वत्र बड़ी ही आस्था व श्रद्धा से की जाती है। अनेक बार हम उस कथा को सुन चुके होते हैं, फिर भी बार-बार सुनने-जानने को मन उत्सुक रहता है।
प्रस्तुत पुस्तक की रचना का प्रयोजन ऐसे व्यक्तियों को रामायण संबंधी ज्ञान से समृद्ध कराना है, जो रामायण के विषय में अधिकाधिक जानना चाहते हैं, इसमें अभिरुचि रखते हैं। समय के अभाव के कारण रामायण जैसे ग्रंथ को पढ़कर उसे आत्मसात् कर पाने का अवसर आज सबके पास नहीं है। यह पुस्तक पाठकों को बहुत सूक्ष्मता और सरलता से रामायण के प्रमुख बिंदुओं, वस्तुनिष्ठ तथ्यों और महत्त्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराती है। इस पुस्तक में रामायण में उल्लिखित केंद्रीय और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को दिया गया है। इसमें प्रश्नों के माध्यम से श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, दशरथ, कौशल्या, कैकेयी, सुमित्रा, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, बालि, अंगद, सुग्रीव, जांबवान, नल, नील तथा रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद, विभीषण, मंदोदरी आदि प्रमुख पात्रों के साथ ही विभिन्न पर्वतों, नगरों एवं नदियों के संबंध में सुस्पष्ट और संक्षिप्त जानकारी मिलती है। राक्षसों एवं श्रीराम की सेना के बीच युद्ध में किए गए पराक्रमों तथा श्रीराम व रावण और लक्ष्मण व मेघनाद आदि के मध्य युद्ध में प्रयुक्त विभिन्न शस्त्रास्त्रों एवं दिव्यास्त्रों के नाम, उनके प्रयोग और परिणामों के साथ ही राक्षसों द्वारा किए गए विचित्र माया युद्धों का भी रोमांचक वर्णन है। साथ ही रामायण में वर्णित ऋषियों, महर्षियों व राजर्षियों के पावन चरित्रों का भी परिचय प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त लगभग डेढ़ सौ विभिन्न पात्रों के माता,

“जब आपका शत्रु गलती कर रहा हो तो उसके काम में बाधा मत डालिए।” – नेपोलियन बोनापार्ट
“Never interrupt your enemy when he is making a mistake.” – Napoleon Bonaparte

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