शायद नहीं : कुलदीप सिंह ढाका | Shayad Nahi : By Kuldeep Singh Dhaka Hindi Book
शायद नहीं पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : राज्य में साहित्यिक परिवेश का निर्माण करने तथा नवोदित लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा विभिन्न साहित्यिक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है। इन योजनाओं में पुस्तक प्रकाशनार्थ सहायतानुदान योजना भी सम्मिलित है। हरियाणा राज्य के जो लेखक हिन्दी एवं हरियाणवी में साहित्य रचना करते है, उन्हें अपनी अप्रकाशित पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रस्तुत योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है। वर्ष 2007-2008 के दौरान आयोजित पुस्तक प्रकाशनार्थ सहायतानुदान योजना के अन्तर्गत कुलदीप सिंह ढाका ‘भारत’ की शायद नहीं शीर्षक पांडुलिपि को अनुदान के लिए स्तरीय पाया गया है। आशा है सुधी पाठकों द्वारा लेखक के इस सफल प्रयास का स्वागत किया जायेगा।.
Read your next Hindi story by tapping here
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | शायद नहीं | Shayad Nahi |
| Author | कुलदीप सिंह ढाका / Kuldeep Singh Dhaka |
| Category | कहानी संग्रह / Story Collections Entertainment Book in Hindi PDF Kahani Sangrah Book in Hindi PDF Literature Book in Hindi Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 104 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अगर सफलता का कोई राज़ है, तो वह दूसरे के दृष्टिकोण को समझने और चीजों को उसके दृष्टिकोण से अपने दृष्टिकोण जितने अच्छे से देख पाने की क्षमता में निहित है।” ‐ हेनरी फोर्ड
“If there is one secret of success, it lies in the ability to get the other person’s point of view and see things from that person’s angle as well as from your own.” ‐ Henry Ford
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












