पंजाबी की प्रतिनिधि कहानियाँ : डॉ. महीप सिंह द्वारा हिंदी पुस्तक | Punjabi Ki Pratinidhi Kahaniyan : By Dr. Maheep Singh Hindi Book
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पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | पंजाबी की प्रतिनिधि कहानियाँ | Punjabi Ki Pratinidhi Kahaniyan |
Author | डॉ. महीप सिंह / Dr. Maheep Singh |
Category | मनोरंजन / Entertainment, कहानी संग्रह / Story Collections |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 276 |
Quality | Good |
Download Status | Not for Download |
पंजाबी की प्रतिनिधि कहानियाँ पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : पंजाब की धरती कहानी के लिए शायद इस देश में सर्वाधिक उर्वरा भूमि है। तभी तो आज पंजाबी के अतिरिक्त हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में लिखने वाले कथाकारों में पंजाब निवासी लेखकों का खासा बोलवाला है यशपाल, उपेन्द्रनाथ अश्क, चंद्रगुप्त विद्यालंकार, सुदर्शन, कृष्णचंद्र, राजेन्द्रसिंह बेदी, सआदत हसन मंटो, बलवंतसिंह, मुल्कराज आनन्द और खुशवंतसिंह जैसे बहुत से लेखकों ने भारतीय कहानी को समृद्ध बनाने में अपना महत्वपूर्ण योग दिया है। वस्तुतः पंजाब के जन- जीवन में लोक-कथाओं का अपना विशिष्ट स्थान है हीर-राशा, सोहनी-महीवाल, ससी पुन्नूँ, मिर्जा साहिबों आदि प्रेमकथाओं और उन पर लिखे गए किस्सा-काव्यों की पंजाब और पंजाबी में एक ऐसी परंपरा है जो अन्य प्रदेशों में दुर्लभ-सी है।
शताब्दियों तक पंजाब युद्धों की भूमि रहा है। जिस भूमि के निवासियों को रात की बची हुई रोटियों का आने वाली सुबह तक के लिए भरोसा नहीं था वहाँ के साहित्य में शास्त्र पक्ष की अपेक्षा लोक पक्ष का अधिक विकसित होना स्वाभाविक ही था। आधुनिक पंजाबी साहित्य की विभिन्न विधाओं की समुन्नत स्थिति में इस ऐतिहासिक सत्य की छाया आज भी दिखाई देती है।
“गुस्से से ज्ञान का प्रकाश बुझ जाता है।” – आर. जी. इंगरसोल
“Anger blows out the candle of the mind.” – R. G. Ingersoll
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