गौरीकांचलिका तंत्र | Gaurikanchalika Tantra PDF
गौरीकांचलिका तंत्र | Gaurikanchalika Tantra PDF Hindi Book
गौरीकांचलिका तंत्र पुस्तक का कुछ अंश : यद्यपि तन्त्र शब्द के अनेक अर्थ हैं जो शास्त्र पुराण इतिहास आदि में स्पष्ट विदित होते हैं परन्तु ‘तन्त्र’ शब्द सुनते की बुद्धि में श्रीशिवशिवासंवाद रूप तन्त्र शास्त्र का बोध होने लगता है। यह ‘गौरीकान्चलिकातन्त्र’ शिवशिवासंवाद होने पर भी उससे कुछ विलक्षण है। इसमें श्रीभवानीजी ने शंकर परमात्मा से लोकोपकार की बुद्धि से मनुष्यों को रोग, शोक और मृत्यु के भय से बचाने के लिए प्रश्न किया है, उसके उत्तर में श्रीशंकरजी ने ज्वरादि रोगों पर नाना प्रकार के कल्प कहे हैं, यद्दपि कन्द, मूल, वनस्पति आदियों में नाना प्रकार की शक्ति स्वत: सिद्ध है और उनके प्रयोग से गुण भी होता है, परन्तु तिथि, नक्षत्र, वार, ऋतु इत्यादि के नियम से, क्रिया से उनमें विशेष बल आ जाता है…….
Download more Hindi Tantra Mantra books by clicking here.
नीचे दी गयी पुस्तके भी अवश्य देखें
धार्मिक | Religious Hindi Books
आरती | Arti Hindi Books
रामायण | Ramayan Hindi Books
महाभारत | Mahabharat Hindi Books
पुराण | Puran Hindi Books
प्रेरक | Motivational Hindi Books
स्वास्थ्य | Health Hindi Books
आयुर्वेद | Ayurveda Hindi Books
एक्यूप्रेशर | Acupressure Hindi Books
योग | Yoga Hindi Books
ज्योतिष | Astrology Hindi Books
अंक ज्योतिष / Numerology Hindi Books
वास्तु शास्त्र / Vastu Shastra Hindi Books
ब्रह्मचर्य / Brahmcharya Hindi Books
उपनिषद् / Upanishad Hindi Books
वेद / Ved Hindi Books
जीवनी / Biography Hindi Books
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | गौरीकांचलिका तंत्र | Gaurikanchalika Tantra PDF |
| Author | Pandit Shyam Sundarlal Tripathi |
| Category | Literature Book in Hindi Tantra Mantra Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 136 |
| Quality | Good |
| Size | 33.3 MB |
| Download Status | Available |
“नागरिकता के दैनिक व्यवहार के बिना लोकतंत्र का दैनिक निर्वाह हो ही नहीं सकता।” ‐ राल्फ़ नेडर
“There can be no daily democracy without daily citizenship.” ‐ Ralph Nader
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












