साठ गीता रत्न : हरिवंश राय बच्चन | Saath Geeta Ratna : By Harivansh Rai Bachchan Hindi Book
साठ गीता रत्न पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : उस रहस्यमयी इतनी धनी कोई 40 बरस से ज्यादा हो गए होंगे पर आज तक याद है वह सड़क, वह नदी वह गीत। गऊघाट से जरा पहले बायीं ओर मुड़ जाती थी वह सड़क सड़क के दोनों ओर सी, दो सौ जाने कितने साल पुराने पने नीम के पेड़, सड़क पर चलो तो दोनों ओर हरी पत्तियों का मोटा अपारदर्शी परदा और सीधे चली जाती सीमेंट की सड़क नीम के कारण सड़क का नाम या निमहरा सड़क पर बेसाख्ता साइकिल चलाने का एक अपना रोमांच था कि जैसे अँधेरे में गुम होती जा रही हो सड़क बीच-बीच में जहाँ पंक्ति में एकाध पेड़ गायब हो वहाँ थोड़ी रोशनी दीखती थी और दायीं ओर दीखती थी ऊँचे कतारों को काट कर बहती हुई जमुना। यह पूरी सड़क जमुना के किनारे-किनारे चलती है पर इतनी पनी कि नदी दीखती ही नहीं। जहाँ-जहाँ दीखती है यहाँ उबड़-खाबड़ किनारों से वैधा जमुना का चौड़ा पाट उसकी हल्की हरे रंग की धारा और धूप में चमकती लहरें पर एक झलक दिखाकर फिर जैसे छिप जाती थी।
यही नवंबर की दोपहर रही होगी। सर्दी तो उपर नवंबर में पड़ने ही लगती है, ऊपर से घनी छाँह और नदी की ओर से आते ठंडे झकोरे बीच में एक जगह घोड़ा खुलाव था और धूप थी धूप सेंकने के लिए में यहीं साइकिल रोककर उत्तर पड़ता हूँ जमुना की कलकल और नीम की सरसराहट के अलावा एक और आवाज आ रही है। किसकी है। कोई उधर से आया है। इस जाड़े में भी नंगे पैर, पीठ पर लदा बोरा जमीन पर पटककर कगार के ऊँचे धूप खिले पत्थर पर बैठकर सुस्ता रहा है। थोड़ी देर में उठता है और बोरे के सारे टिककर खारता है और फिर खुले गले से गाने लगता है-
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | साठ गीता रत्न | Saath Geeta Ratna |
| Author | Harivansh Rai Bachchan |
| Category | Hindi Poetry Books PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 160 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“आपको कुछ खास करने के लिए कुछ खास प्रकार का व्यक्ति बनना होगा।” ‐ ज़ेन उक्ति
“To do a certain kind of thing, you have to be a certain kind of person.” ‐ Zen saying
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