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बच्चन मधुशाला : बच्चन | Bachchan Madhushala : By Bachchan Hindi Book

बच्चन मधुशाला : बच्चन | Bachchan Madhushala : By Bachchan Hindi Book
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बच्चन मधुशाला पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : भारतीय साहित्य की भूमि पर बच्चन द्वारा चलाई गई काव्य की अलख सदा चलती रहेगी। छायावादी दौर में उन्होंने जितनी सरल और सुन्दर भाषा में काव्य रचा, जिसने हिन्दी साहित्य को आलोकित किया।
वे प्रोफेसर तो अंग्रेजी के थे, लेकिन लिखा हिन्दी भाषा में, वो भी जन- सामान्य की हिन्दी भाषा में बच्चन पहले भारतीय थे जिन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में पी-एच.डी. की, लेकिन अपने पांव हिन्दी क्षेत्र की भूमि पर जमाएं। हिन्दी और अंग्रेजी भाषा पर उनकी पकड़ के बारे में उनका साहित्य बोलता है। एक तरफ अंग्रेजी साहित्य में डब्ल्यू. बी. गोट्स पर किया गया शोध, शेक्सपीयर की रचनाओं का किया गया अनुवाद तो दूसरी तरफ भारतीय साहित्य में वाम की मधुशाला, रामायण शैली में लिखी गई ‘जनगीता’ इसका सटीक उदाहरण हैं। बच्चन ने जितनी निष्ठा और कर्मठता से अपनी अनुभूतियों को शब्द दिए, उतने ही भावपूर्ण तरीके से अनुवाद कार्य किया। निस्सन्देह बच्चन ने साहित्य की एक नई धारा का सूत्रपात किया।
उनकी बहुमुखी प्रतिभा की झलक उनके रचना संसार से तो मिलती ही है, उनकी जिन्दगी से भी मिलती है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य के अलावा उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और विदेश मन्त्रालय में भी काम किया। और फिर राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किए गए। अपनी प्रतिबद्धता, कर्मठता और विशेष रूप से मौलिकता का परिचय बच्चन ने हर पद पर दिया बच्चन ने राजभाषा समिति के अध्यक्ष पद पर रहते हुए सौराष्ट्र मन्त्रालय को गृह मन्त्रालय और पर राष्ट्र मन्त्रालय को विदेश मन्त्रालय का नाम देने में योगदान किया।

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name बच्चन मधुशाला | Bachchan Madhushala
Author
CategoryHindi Poetry Books PDF
Language
Pages 180
Quality Good
Download Status Not for Download
“इस दुनिया में कौन आज़ाद है? वह बुद्धिमान व्यक्ति जो स्वयं पर नियत्रंण रखता है।” – होरेस
“Who then is free? The wise man who can command himself.” – Horace

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