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और जब भेड़िया आ गया : रत्ना मनुचा | Aur Jab Bhediya Aa Gaya : By Ratna Manucha Hindi Book

और जब भेड़िया आ गया : रत्ना मनुचा शिगाफ़ : मनीषा कुलश्रेष्ठ | Aur Jab Bhediya Aa Gaya : By Ratna Manucha Hindi Book
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और जब भेड़िया आ गया पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : रत्ना मनूचा लिटल फ्लॉवर स्कूल, देहरादून, की संस्थापक प्रधानाचार्य हैं। उनको लगभग 25 साल का शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव रहा है। वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिसर्च (एनआईएआर), जो लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए), मसूरी, की शोध एवं नीति-निर्धारक इकाई है, में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में भी कार्य करती रही हैं। उन्होंने कई समाचार पत्रों के लिए लघु कहानियों, कविताओं और लेखों के अलावा कई पुस्तकों का लेखन भी किया है। उन्होंने बच्चों के लिए कई कार्यशालाओं का भी आयोजन किया है।

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पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name और जब भेड़िया आ गया | Aur Jab Bhediya Aa Gaya
Author
CategoryComics Books in Hindi Hindi Children's Book PDF Story Book PDF in Hindi
Language
Pages 20
Quality Good
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“यह एक प्रकार का आध्यात्मिक दंभ है जिसमें लोगों को लगता है कि वे धन के बिना सुखी रह सकते हैं।” – एल्बर्ट कामू
“It is a kind of spiritual snobbery that makes people think they can be happy without money.” – Albert Camus

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