नीली आंधी : सुचित्रा भट्टाचार्य | Nili Andhi : By Suchitra Bhattacharya Hindi Book
नीली आंधी पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : झकझक स्मार्ट सौमिक वसुराय के साथ दयिता का विवाह तय हो गया लेकिन दयिता किसी अजीब इंसान के मोहपाश में बँधी हुई, जिसे वह प्यार समझ बैठती है, वह शख्स है, उसका प्रोफेसर, विश्वविख्यात वैज्ञानिक-बोधिसत्व मजूमदार! दयिता का प्यार मानो कोई दुर्धर्ष आँधी-तूफान है, जो उम्र की कोई वाचा निषेध नहीं मानता, नाते-रिश्तेदारों की परवाह नहीं करता, समाज-संसार के नीति-नियमों को वह तिनके की तरह वक्त की धार में वहा देती है। महाविश्व की सृष्टि-रहस्य जानने के रिसर्च में विभोर, अधेड़ बोधिसत्व मजूमदार भी दविता के अमोध आकर्षण की आखिर उपेक्षा नहीं कर पाए। पत्नी-पुत्र त्यागकर, वे दयिता के साथ अपनी नई दुनिया बसा लेते हैं।
दयिता और बोधिसत्व की समवेत जिन्दगी क्या खुशहाल हो पाई दयिता द्वारा ठुकराया हुआ सौमिक क्या उसे भूल पाया ?पति-परित्यक्ता राखी के मन में ही बोधिसत्व के लिए, अन्त में कितनी-सी बद्धा और प्यार बचा था?
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | नीली आंधी | Nili Andhi |
| Author | सुचित्रा भट्टाचार्य / Suchitra Bhattacharya |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 280 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“लोग इसलिए अकेले होते हैं क्योंकि वह मित्रता का पुल बनाने की बजाय दुश्मनी की दीवारें खड़ी कर लेते हैं।” ‐ जोसेफ फोर्ट न्यूटन
“People are lonely because they build walls instead of bridges” ‐ Joseph fort Newton
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