Nili Dilli Pyasi Dilli : By Aditya Awasthi Hindi Book | नीली दिल्ली प्यासी दिल्ली : आदित्य अवस्थी द्वारा हिंदी पुस्तक
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नीली दिल्ली प्यासी दिल्ली पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : दिल्ली के राजधानी बनने के एक सौ साल पूरे होने के सुअवसर पर हम इस बात की समीक्षा करें कि पिछले दस दशकों में इस शहर ने क्या खोया और क्या पाया? इन एक सौ वर्षों में इस शहर ने वाल सिटी से वर्ल्ड सिटी की यात्रा की है। इस समय राष्ट्रीय राजधानी में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की कमी और उसकी आपूर्ति सुनिश्चित करना है। आने वाले समय में पानी दिल्ली और दिल्लीवालों के लिए सबसे बड़ी
चुनौती होगा।
राजधानी में पानी के अपने पर्याप्त स्रोत हैं। यदि उनका संरक्षण और सदुपयोग किया जाए तो पानी की समस्या का कुछ हद तक समाधान संभव है।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | नीली दिल्ली प्यासी दिल्ली | Nili Dilli Pyasi Dilli |
| Author | Aditya Awasthi |
| Category | Essay On Books In Hindi | निबन्ध Literature Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 224 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“निराशावादी व्यक्ति केवल बादलों के अंधकारमय हिस्से को देखता है, और उदास होता है; दार्शनिक व्यक्ति दोनों हिस्सों को देखता है, तथा अरुचि दिखाता है; जबकि आशावादी बादलों को बिलकुल ही नहीं देखता- वह तो उनसे भी ऊंची उड़ान भरता है।” ‐ लियोनार्ड लुइस लेविनसन
“A pessimist sees only the dark side of the clouds, and mopes; a philosopher sees both sides, and shrugs; an optimist doesn’t see the clouds at all – he’s walking on them.” ‐ Leonard Louis Levinson
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